राजनीतिक षडयंत्र के तहत अमित शाह को फंसाया गया था : सीएम त्रिवेन्द्र
देहरादून | मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सोहराबुद्दीन इन काउन्टर केश में गुजरात के तत्कालीन गृहमंत्री एवं मौजूदा भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह को किस प्रकार फंसाया गया यह विशेष सीबीआई कोर्ट के साथ ही मा. उच्चतम न्यायालय के निर्णय से साफ हो गया है। इस प्रकरण में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा यह भी प्रचारित किया गया कि अमित शाह को तडीपार किया गया है जबकि अमित शाह ने स्वयं उस समय सीबीआई जांच प्रभावित न होने देने तथा न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप न हो इसके लिये स्वयं परिवार सहित गुजरात से बाहर रहने का निर्णय लिया। अब इस प्रकरण में आये निर्णय से यह सिद्ध हो गया है कि इस मामले में अमित शाह को राजनीतिक षडयंत्र के तहत फंसाया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दौरान दो साल तक अमित शाह अपने परिवार के साथ गुजरात से बाहर रहे। उस दौरान कुछ समय मैं उनके साथ रहा हूं। इस अवधि में उन्होंने सेकेंड क्लास ट्रेन में पूरे देश का भ्रमण किया तथा देश की विविधता व एकता को अनुभव किया। तथा देश के विविधता व सामाजिक सौहार्दता का गहराई से अध्ययन किया। इस प्रकार उन्होंने अपने समय का सदुपयोग किया। अब सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया है उससे कांग्रेस की भ्रष्टाचारी नीति का पर्दाफास हुआ है। उस समय सीबीआई कोर्ट ने कहा था कि यह केश थोपा गया है अब सुप्रीम कोर्ट ने अमित शाह को दोष मुक्त करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में अमित शाह पर जिस प्रकार के लांछन लगाये गये उस पर राज्य के कुछ कांग्रेस के बडबोले नेताओं ने उनके भाजपा अध्य़क्ष बनने पर भी ऐसे निराधार आरोप लगाये थे। आज उनके मुह पर भी करारा तमाचा लगा है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस का चरित्र रहा है कि सरकारी तंत्र का किस प्रकार अपने हित में प्रयोग किया जाय। 1975 में इलाहबाद हाई कोर्ट के निर्णय के बाद देश में आपात काल लगाये जाने की बात सारी दुनिया जानती है। यह भी सर्वविदित है कि सोहराबुद्दीन एक माफिया था तथा उसे किनके द्वारा पनपाया गया, यह भी दुनिया जानती है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आज सच्चाई राष्ट्र के सामने है। आज यह एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि 2010 में कांग्रेस नेतृत्व के इशारे पर सीबीआई ने अमित शाह को गिरफ्तार किया था। इतना ही नहीं, तब सीबीआई ने कोर्ट में न्यायधाश के सामने यह कहा कि हम अमित शाह को इंटेरोगेट नहीं करना चाहते केवल गिरफ्तार करना चाहते है। उसी दिन सीबीआई ने अमित शाह जी के खिलाफ चार्जशीट भी फाइल कर दी और उन्हें जेल में जीवन जीने को छोड दिया गया और बाहर कांग्रेस पार्टी और उसके शीर्ष नेतृत्व के द्वारा तब के गुजरात के मुख्यमंत्री और वर्तमान में भारतवर्ष के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गुजरात की भाजपा सरकार को बदनाम करने का प्रपंच रचा गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम देश को यह बताना चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में रह कर प्रशासनिक ढॉचे का दूरूप्योग करके अपने राजनैतिक प्रतिद्वंदियों को खत्म करने के लिये अपने पैरों तले न्याय को और संविधान को भी रौंदने के लिए तत्पर रहती है। हम सम्माननीय न्यायपालिका को न्याय के संरक्षण के लिए आभार व्यक्त करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे मीडिया के माध्यम से यही कहना चाहते हैं कि कोर्ट का यह जजमेंट अपने आप में इस बात का प्रतीक है कि कांग्रेस पार्टी और खास कर कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्षा सोनिया गांधी ने सीबाआई के माध्यम से एविडेंस को क्रियेट किया ताकि अमित शाह को वह राजनीतिक दृष्टि से बर्बाद कर सके। उन्होंने कहा कि संविधान के संरक्षण में न्याय हुआ, इसके लिये हम न्यायपालिका का आभार व्यक्त करते हैं। ये 8 वर्ष जो राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संघर्ष के गुजारे हैं, यह संघर्ष उनके अकेले का नहीं था बल्कि इस दौरान उनके परिवार को भी प्रताड़ित किया गया, लांछन लगाए गए। भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यकर्ता के नाते मैं देशवासियों से कहना चाहता हूं | कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष को उस अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ा लेकिन आज न्यायपालिका के आशीर्वाद से राष्ट्र के सामने हम सच को प्रस्तुत कर पाए।