अर्जित शाश्वत की जमानत याचिका खारिज : भागलपुर हिंसा
भागलपुर कोर्ट ने अर्जित शाश्वत की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। भागलपुर हिंसा मामले में अर्जित शाश्वत मुख्य नामजद आरोपी हैं। एडीजे कुमुद रंजन सिंह की कोर्ट ने अर्जित शाश्वत समेत 9 आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट में करीब आधे घंटे तक बहस चली। अर्जित की गिरफ्तारी के लिए बिहार पुलिस की टीम पिछले 13 दिनों से लगातार छापेमारी कर रही है। 17 मार्च को हिंदू नववर्ष की शोभा यात्रा के दौरान भागलपुर के चंपानगर में दो पक्षों के बीच रोड़ेबाजी, आगजनी, फायरिंग की घटना हुई थी। इस घटना में पुलिस जवान समेत कई लोग घायल हो गए थे। इस मामले में एएसआई हरिकिशोर सिंह ने अर्जित समेत 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। अरेस्ट वारंट के लिए कोर्ट पहुंची पुलिस को अदालत ने अधूरा बताते हुए लौटा दिया था। उस समय पुलिस ने सिर्फ अर्जित पर ही वारंट की अर्जी लगाई थी। जिस पर कोर्ट ने एतराज जताते हुए कहा कि मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ अर्जी क्यों नहीं डाली? 24 मार्च को एसीजेएम कोर्ट ने अर्जित समेत सभी नौ आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद अर्जित शाश्वत और 8 अन्य आरोपियों ने सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की। इसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी। विपक्ष के हमलावर होते ही भाजपा अर्जित शाश्वत के बचाव में उतर आई थी। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना था कि अर्जित ने कुछ भी गलत नहीं किया है। उसने एक हिंदू होने और भाजपा कार्यकर्ता होने के नाते रैली निकाली। उसे जो करना चाहिए था उसने किया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे भी पुत्र मोह में बेटे के बचाव में उतर आए। उन्होंने बेटे पर हुए एफआईआर को लेकर यहां तक कह दिया कि एफआईआर कूड़े का ढेर है। मेरे बेटे ने कुछ भी गलत नहीं किया है। उसे फंसाने की साजिश रची जा रही है।