Breaking News:

आयुष्मान कार्डों का सत्यापन : आधार कार्ड और राशन कार्ड मांगने के लिए अस्पतालों को एडवाइजरी जारी -

Monday, January 6, 2025

सीएम धामी ने पीएम मोदी को राष्ट्रीय खेलों के लिए कियाआमंत्रित -

Monday, January 6, 2025

फेक सूचनाओं से बचे : थिंक बिफोर यू शेयर के साथ-साथ थिंक बिफोर यू केयर जरूरीः डॉ नितिन उपाध्याय -

Monday, January 6, 2025

भक्ति भाव के साथ सारा सुभाष नगर प्रभु भक्ति भजनों के साथ हुआ गुंजायमान -

Monday, January 6, 2025

दुःखद : वाहन खाई में गिरने से दो लोगों की मौत -

Sunday, December 29, 2024

उत्तराखंड : कांग्रेस ने जारी की 14 प्रत्याशियों की तीसरी सूची, जानिए खबर -

Sunday, December 29, 2024

उत्तराखंड : भाजपा ने मेयर प्रत्याशियों की जारी की पहली लिस्ट, जानिए खबर -

Sunday, December 29, 2024

युवाओं का शपथ : ना ड्रग्स लेंगे ना लेने देंगे -

Sunday, December 29, 2024

अजब गजब : मेयर के टिकट के दावेदार का नाम मतदाता सूची से गायब, जानिए खबर -

Sunday, December 29, 2024

उत्तराखंड निकाय चुनावः राज्य में मतदाताओं संख्या 30 लाख 83 हजार 500 -

Tuesday, December 24, 2024

उत्तराखंड : बर्फ की चादर से सफेद हुई चारधाम के पहाड़ियां -

Tuesday, December 24, 2024

पहचान : ठेले पर अंडे बेचने वाले का बेटा बना जज, जानिए खबर -

Tuesday, December 24, 2024

संगठन मजबूती को लेकर कांग्रेस की हुई बैठक, जानिए खबर -

Tuesday, December 24, 2024

भारत रत्न से सम्मानित किया जाए इंद्रमणि बडोनी – आम आदमी पार्टी -

Tuesday, December 24, 2024

सराहनीय : 11 हजार फीट की ऊंचाई से घायल बालिका को किया एयरलिफ्ट -

Saturday, December 21, 2024

उत्तराखंड : सीएम धामी ने 54 करोड़ 31 लाख की योजनाओं का लोकापर्ण किया -

Saturday, December 21, 2024

आबकारी विभाग की बड़ी कार्यवाही, शराब की 58 पेटी बरामद की -

Saturday, December 21, 2024

दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे गये देहरादून के सुशील सैनी -

Monday, December 9, 2024

नौसेना के अदम्य साहस, पराक्रम एवं शौर्य से हुए रूबरू, जानिए खबर -

Friday, November 29, 2024

पहचान : डॉ विरेन्द्र सिंह रावत को मिला युवा आह्वान इंस्पिरेशन अवार्ड -

Wednesday, November 27, 2024



आखिर कितनी और जान लेगी दहेज प्रथा

pratha

दहेज प्रथा भारत में बहुत बडी सामाजिक बुराइयों में से एक है। आये दिन दहेज के कारण मृत्यु के समाचार सुनने को मिलते हैं। इस दहेज रूपी राक्षस द्वारा माता पिताओं की बहुत सी बेटियां उनसे छीन ली गई है। हमारे समाज में प्रचलित भ्रष्टाचार के कारणों में से अधिकतर दहेज का कारण है। लोग गैर कानूनी रूप से धन संचय करते हैं। क्योंकि उन्हें अपनी पुत्रियों की शादी में दहेज पर भारी खर्च वहन करना पडता है। यह बुराई समाज को खोखला कर रही है। और वास्तविक प्रगति अवरूद्ध हो गई है। दहेज प्रथा वर्तमान भारतीय समाज की ही प्रथा नहीं है। यह हमें हमारे भूतकाल में विरासत में मिली है। हमारी पुराण कथाओं ने माता पिता द्वारा अपनी पुत्रियों को अच्छा दहेज दिये जाने का उल्लेख है। यह प्रथा किसी रूप में विदेशों में भी प्रचलित थी। सेल्यूकस निकेटर ने चन्द्रगुप्त मौर्य को अपनी पुत्री के विवाह में काफी आभूषण हाथी और अन्य सामान दिया था। दूसरे देशों में भी यह प्रथा है कि माता पिता नव विवाहित जोडे को उपहार और भेंट देते है। मातृ प्रधान प्राचीन समाजों के अतिरिक्त लगभग सभी समाजों में यह प्रथा प्रचलित है। वास्तव में देखा जाये तो प्रथा में कोई खराबी नहीं है। यदि दसको सीमा के अन्तर्गत रखा जाये तो यह स्वस्थ रिवाज है। नकदी या उपहार के रूप में नव विवाहित सम्पत्ति को जो कुछ दिया है। उससे वे आसानी से अपना जीवन प्रारम्भ कर सकते है। किन्तु समस्त बोझ लडकी के माता पिता ही क्यों उठाएं? यह प्रथा बुराई इसलिए बन गई है कि यह सीमा पार कर गई है। जबकि पहले दहेज प्रेम और स्नेह का प्रतीक था। अब तो यह व्यापार या सौदेबाजी हो गई है। सभी भावनात्मक पहलुओं को समाप्त कर इसने निन्दनीय भौतिकवादी रूप ग्रहण कर लिया है। द्यृणास्पद बुराई के द्वारा भारतीय समाज के भवन को ही खतरा पैदा हो गया है। भारतीय समाज में इस प्रथा के प्रचलन का पहला कारण महिलाओं की पुरूषों पर आर्थिक निर्भरता है। अधिकतर पत्नी अपनी जीविका के लिए पति पर पूर्णरूपेण निर्भर रहती है। और पति इसकी कीमत अपनी पत्नी के माता पिताओं से माँगता है। दूसरे महिलाओं को समाज में निम्न स्तर प्रदान किया जाता है। उनको वस्तु समझा जाता है। उसके अतिरिक्त भारतीय समाज में कौमार्य पवित्रता पर बहुत बल दिया जाता है। भारतीय माता पिता को अपनी पुत्री का विवाह एक विशेष समय पर किसी उपयुक्त लडके साथ करना होता है। चाहे कितना ही मूल्य देना या त्याग करना पडे।

Leave A Comment