गृहमंत्री राजनाथ सिंह आईटीवीपी कैम्प में जवानों के साथ की मुलाकात
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बद्रीनाथ पहुॅचकर बीआरओ के विश्रामगृह में केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इसके बाद गृहमंत्री व मुख्यमंत्री ने रिमखिम, जोशीमठ एवं औली में आईटीवीपी कैम्प में जवानों के साथ मुलाकात कर दशहरा एवं दीपावली पर्व की बधाई दी। गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री ने सुनील-जोशीमठ में आईटीबीपी द्वारा आयोजित शस्त्र पूजा कार्यक्रम में भाग लिया तथा निःशुल्क चिकित्सा शिविर व रक्तदान शिविर का निरीक्षण भी किया। गृहमंत्री ने दशहरा पर्व पर रिमखिम, सुनील-जोशीमठ तथा औली में जवानों से मुलाकत कर खुशी जाहिर करते हुए उनकी हौसला अफजाई की। इस अवसर पर केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की पत्नी ने आईटीबीपी के जवानों को विजयदशमी के पर्व पर टीका लगाकर बधाई दी। विजयदशमी पर्व के अवसर पर आईटीबीपी कैम्प सुनील-जोशीमठ में आयोजित कार्यक्रम में गृहमंत्री ने शस्त्र पूजा कार्यक्रम में भाग लिया। जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा हमारे आईटीबीपी के जवानों ने विकट परिस्थितियों में भी कठिनाईयों एवं ऊंचाई पर विजय प्राप्त की है। 1962 से लगातार हमारे आईटीबीपी के जवान देश की सीमाओं की सुरक्षा कर रहे है। उन्होंने कहा कि दुनियां की कोई भी ताकत हिमवीरों को देश की सीमाओं की सुरक्षा करने से रोक नही सकती। कहा कि जवानों को स्नो स्कूटर, अच्छी क्वाल्टी की गाडियां, गर्म कपडे व अन्य सुविधाऐं भी उपलब्ध करायी जा रही है। बताया कि सीमा पर तैनात जवानों को अपने परिवार के साथ बात करने के लिए सस्ती दर पर बीएसएनएल सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास भी किये जा रहे है। डोकलाम विवाद पर पत्रकारों के सवालों का जबाव देते हुए गृहमंत्री ने बताया कि सकारात्मक सोच के साथ डोकलाम विवाद को सुलझाया गया है। गृहमंत्री ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर निवास कर रहे देश के नागरिकों के लिए केन्द्र सरकार हर सम्भव सहायता देने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सीमांत गांवों से पलायन को रोकने के लिए ठोस प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने आईटीबीपी के जवानों को भी सीमा पर रहने वाले नागरिकों को दोस्त बनाकर उनके अन्दर विश्वास जगाने को कहा। गृहमंत्री ने सीमांत क्षेत्रों में बार्डर एरिया डेबलपमेंन्ट (बीएडीपी) के तहत संचालित कार्यो की भी सराहना की तथा बीएडीपी के तहत दी जाने वाली धनराशि को दोगुना करने की बात कही। कहा कि राज्य के 5 जिलों के 9 ब्लाकों में बीएडीपी के तहत कई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। बताया कि बीएडीपी के तहत देश में 27 सड़के स्वीकृत थी जिसमें से 10 सड़के अकेले उत्तराखण्ड राज्य के लिए स्वीकृत की गयी है तथा दूसरे चरण में भी राज्य के लिए अन्य सड़के स्वीकृत की जायेंगी। उन्होंने सड़क निर्माण के कार्यो में तेजी लाने पर भी जोर दिया।