गैरसैंण राजधानी के लिए मशाल जुलूस 17 को
देहरादून। गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान से जुड़े राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान ने कहा कि प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाये जाने की मांग को लेकर 17 फरवरी को राजधानी में मशाल जुलूस निकाला जायेगा। यह मशाल जुलूस गांधी पार्क से आरंभ होकर कचहरी स्थित शहीद स्थल में शहीदों को नमन करने के बाद समाप्त होगा। उनका कहना है कि सरकार को इसी बजट सत्र में गैरसैंण स्थाई राजधानी की घोषणा करनी चाहिए, अन्यथा आंदोलन को तेज किया जायेगा। उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में जल, जमीन व जंगल को लगातार लूट की जा रही है और जनता को छलने का काम किया गया है। उनका कहना है कि अब तक की सरकारों ने प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसैंण को बनाये जाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई कदम नहीं उठाया है। सत्रह साल में सत्रह लाख लोग रोजगार की तलाश में पहाड़ से पलायन कर चुके है और आज तक राज्य का समुचित विकास नहीं हो पाया है, लगातार सरकारों ने जन भावनाओं की उपेक्षा की है और पूर्व में कौशिक, बड़थ्वाल समिति व दीक्षित आयोग ने भी जन भावनाओं के अनुरूप गैरसैंण को ही राजधानी के लिए उपयुक्त पाया था और उनकी रिपोर्ट में भी गैरसैंण ही रहा लेकिन रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। उनका कहना है कि लगातार संसाधन जुटाने की बात की जाती रही है लेकिन काम नहीं किया गया है, केन्द्र सरकार को गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाये जाने के लिए समुचित धन उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जिससे संसाधनों को जुटाया जा सके। उनका कहना है कि भराडीसैंण गैरसैंण में विधानसभा व सचिवालय निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है और एक वर्ष में विधानसभा व सचिवालय को वहां पर शिफ्ट किया जाना चाहिए और इसी बजट सत्र में गैरसैंण को राजधानी बनाये जाने की घोषणा सरकार को करनी चाहिए। अन्यथा वर्ष 94 की तर्ज पर जनांदोलन चलाया जायेगा। इस अवसर पर रघुवीर सिंह बिष्ट ने कहा कि प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसैंण को बनाये जाने के लिए सरकार पर दवाब बनाया जायेगा और इसके लिए 17 फरवरी को मशाल जुलूस निकाला जायेगा। उनका कहना है कि उत्तराखंड के साथ दो और राज्य बने और उनकी राजधानी घोषित हो गई लेकिन उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जिसकी आज तक राजधानी ही घोषित नहीं हो पाई है। उनका कहना है कि मशाल जुलूस के लिए अखिल गढवाल सभा, आर्यन छात्र संगठन, कूर्मांचल सांस्कृतिक परिषद, पूर्व सैनिक संगठन, अपना परिवार, राज्य आंदोलनकारी मंच, उत्तराखंड एकता मंच, उत्तराखंड महिला मंच, दिल्ली उत्तरांचल बैंक इम्पलाईज, पर्वतीय विकास मंच, बदरी केदार विकास समिति, उत्तरांचल बैंक इम्पलाईज यूनियन, उत्तराखंड फुटबाल रैफरी एसोसिएशन, उत्तराखंड जन मंच, नैनीडांडा विकास समिति सहित चालीस संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। उनका कहना है कि पहाड़ की राजधानी पहाड़ में बने इसके लिए संघर्ष को तेज किया जायेगा और इस मुहिम को राजधानी गैरसैंण बनाये जाने त कजारी रखा जायेगा। इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किये। पत्रकार वार्ता में रविन्द्र जुगरान, पीसी थलियाल, रघुवीर सिंह बिष्ट, कैलाश जोशी, सचिन थपलियाल, जयदीप सकलानी, रामेन्द्र कोटनाला, जगमोहन मेंदीरत्ता, विजय कुमार बौडाई, प्रदीप कुकरेती आदि मौजूद रहे।