गढ़वाली भाषा में चक्रव्यूह मंचन का भव्य आयोजन , जानिये खबर
रुद्रप्रयाग। विकासखण्ड जखोली की ग्राम पंचायत देवल में चल रहे पांडव नृत्य के तहत गढ़वाली भाषा में चक्रव्यूह मंचन का भव्य आयोजन किया गया। चक्रव्यूह देखने के लिये क्षेत्रीय जनता की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सातवें द्वार पर कौरवों द्वारा छल करके अभिमन्यु वध के दौरान कई दर्शक भावुक हो पड़े। दरअसल, आठ साल बाद पिछले 15 दिनों से ग्राम पंचायत देवल में पांडव नृत्य एवं लीला की धूम मची हुई है। पांडव नृत्य देखने के लिये भारी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। पांडव नृत्य के तहत गांव में चक्रव्यूह का मंचन किया। महाभारत युद्ध में जब अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण युद्ध करते-करते दक्षिण दिशा की ओर चले जाते हैं तो गुरू द्रोणाचार्य चक्रव्यूह रचा देते हैं। अर्जुन के अलावा च्रकव्यूह को भेदना ओर कोई नहीं जानता था। जब सब पांडव निराश होते हैं तो 16 वर्षीय अर्जुन पुत्र अभिमन्यु चक्रव्यूह भेदने की बात कहता है। अभिमन्यु के साथ भीम भी युद्ध में जाते हैं, लेकिन चक्रव्यूह के पहले द्वार पर जयद्रथ भीम को अंदर प्रवेश नहीं करने देते हैं और अभिमन्यु अकेले ही अंदर प्रवेश कर जाता है। अभिमन्यु अकेले ही जयद्रथ, गुरू द्रोणाचार्य, शैल्य, लक्ष्मण, अश्वत्थामा, कर्ण, दुशासन जैसे महारथियों को परास्त करता है, लेकिन सातवें द्वार पर दुर्योधन छल करता है और एक साथ सारे महारथी अभिमन्यु का वध कर देते हैं। अभिमन्यु की भूमिका प्रवीन सेमवाल, दुर्योधन की पवन प्रकाश उनियाल, कर्ण की फरशुराम सेमवाल, द्रोणाचार्य की जगदीश प्रसाद ममगाईं, दुशासन की अनिल उनियाल, शैल्य की गणेश उनियाल, शकुनी की मोहित भटट, अश्वत्थामा की पंकज ममगाईं, जयद्रथ की हयात सिंह राणा ने निभाई। वहीं दूसरी ओर पांडव नृत्य अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। छह दिसम्बर को मोरू डाली कौथिग के साथ सात दिसम्बर को पांडव नृत्य का विधिवत समापन हो जायेगा। इस मौके पर उप जिलाधिमें हॉकारी जखोली देवमूर्मि यादव, तहसीलदार शालिनी मौर्य, आयोजक राज्य आंदोलनकारी जगतराम सेमवाल, प्रताप सिंह राणा, दिनेश प्रसाद उनियाल, जगदम्बा प्रसाद उनियाल, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य दीपक भटट, निर्देशक शंभू प्रसाद उनियाल, पूर्व प्रधान मधुसूदन सकलानी, सुनील प्रसाद उनियाल, राजेन्द्र प्रसाद उनियाल, बच्चीराम उनियाल, हरिकृष्ण उनियाल सहित अन्य मौजूद थे।