जो वह न कर सके उसे पैरालंपिक खिलाड़ी मारियप्पन ने कर दिखाया
एथलीट मारियप्पन थांगावेलु ने भारत के हाई जंप रियो में हो रहे पैरालंपिक खेलों में पुरुषों की हाई जंप टी-42 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है. 21 साल के मारियप्पन इसके साथ ही इस साल के पैरालंपिक खेलों में भारत की तरफ से मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बन गए हैं. मारियप्पन का जन्म तमिलनाडु के सेलम से 50 किमी दूर स्थित एक गांव में हुआ था. उनकी मां घर चलाने के लिए सब्जी बेचती हैं. विदित हो की उनकी मां ने कुछ सालों पहले मारियप्पन के इलाज के लिए 3 लाख रुपये लोन लिया था, जिसे आज तक उसे लौटा नहीं सकी है. स्कूल में वो वॉलीबॉल खेलना पसंद करते थे. मारियप्पन के फिजिकल एजुकेशन के टीचर ने उन्हें हाई जंप के लिए प्रेरित किया. मारियप्न जब पांच साल के थे, उस समय स्कूल जाते वक्त उनका दायां पैर पहिए के नीचे आ गया था, जिसमें उनका घुटना कुचल गया था. 18 साल की उम्र में उनके कोच सत्यनारायण ने नेशनल पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप में इनकी प्रतिभा को पहचाना था. उसके बाद बंगलुरू में इन्होंने कड़ी मेहनत की. कड़ी मेहनत का ही नतीजा था कि साल 2015 में ये वर्ल्ड नम्बर 1 बन गएं. 14 साल की उम्र में इन्होंने अपनी पहली प्रतिस्पर्धा सक्षम एथलीट्स के साथ की थी