दून मैराथन में प्लास्टिक को कम करेगा मैड
देहरादून। देहरादून के शिक्षित छात्रों के संगठन, मेकिंग ए डिफरेंस बाय बीइंग द डिफरेंस (मैड) संस्था की ओर से प्लास्टिक को कम करने हेतु हर संभव प्रयास किया जा रहा है। पुलिस द्वारा आयोजित इस मैराथन में 18000 से अधिक प्रतिभागियों के भागने की आशंका है। इस दौड़ का प्रसंग युवाओं में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाना है। एडीजीपी कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने मैड संस्था के स्वयंसेवियों से मैराथन दौड़ को सफल बनाने हेतु उनका सहयोग माँगा। आम तौर पर पर्यावरण संरक्षण और नदी पुनर्जीवन के मुद्दों पर काम करने वाली मैड संस्था ने देहरादून मैराथन दौड़ को अपने प्लास्टिक के खिलाफ छिड़े अभियान के लिए एक अच्छे अवसर के रूप में लिया। देहरादून मैराथन के आयोजन हेतु जो भी बैठकें की गयी उसमे मैड संस्था की ओर से निरंतर यही कहा गया कि दौड़ में प्लास्टिक बोतलों का प्रयोग न किया जाए ओर स्टील गिलास एवं कागज के ग्लासों का इस्तेमाल किया जाये। उदाहरण के तौर पर मैड ने अपनी ओर से प्रतिवर्ष आयोजित मैराथन के बारे में बताया और पुलिस से अपनी रणनीति साँझा करि जिसके तहत उन्होंने अपने मैडथन समारोह को एक जीरो वेस्ट और एक ईको फ्रेंडली कार्यक्रम बनाया था। इसके लिए मैड संस्था ने गढ़वाल सभा एवं गुरुद्वारों से संपर्क साध कर स्टील के ग्लासों में सभी प्रतिभागियों को पानी पिलाया था। मैड कि प्रस्तुति सुनने के बाद अशोक कुमार ने इस सुझाव की सराहना करि और काफी हद्द तक इसे लागू भी किया जा रहा है। मैड की ओर से लगभग 35 स्वयंसेवी मैराथन के पूरे रुट में पानी पिलायेंगे औरप्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करेंगे। मैड संस्था का यह प्रयास है कि न केवल उसके सभी कार्यक्रम ओर अभियान बिना प्लास्टिक के संचालित हो बल्कि वह अपना यह प्रभाव देहरादून शहर में आयोजित अन्य कार्यक्रमों के ऊपर भी सकारात्मक रूप से डाल सके। इस पहल में अध्यक्ष करन कपूर, श्रेया रोहिल्ला, उत्कर्ष, सनत, शार्दुल असवाल, आर्ची, गायत्री, इन्दर, आदि ने अहम् भूमिका निभाई।