Breaking News:

सराहनीय : 11 हजार फीट की ऊंचाई से घायल बालिका को किया एयरलिफ्ट -

Saturday, December 21, 2024

उत्तराखंड : सीएम धामी ने 54 करोड़ 31 लाख की योजनाओं का लोकापर्ण किया -

Saturday, December 21, 2024

आबकारी विभाग की बड़ी कार्यवाही, शराब की 58 पेटी बरामद की -

Saturday, December 21, 2024

दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे गये देहरादून के सुशील सैनी -

Monday, December 9, 2024

नौसेना के अदम्य साहस, पराक्रम एवं शौर्य से हुए रूबरू, जानिए खबर -

Friday, November 29, 2024

पहचान : डॉ विरेन्द्र सिंह रावत को मिला युवा आह्वान इंस्पिरेशन अवार्ड -

Wednesday, November 27, 2024

मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन द्वारा पुण्य स्मृति में ट्रैकसूट वितरण कार्यक्रम -

Wednesday, November 27, 2024

भारत में “कीट” का टाइम्स हायर एजुकेशन इनॉगरल इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग में चौथा सर्वश्रेष्ठ स्थान -

Monday, November 25, 2024

आखिर क्यों डॉक्टर मुकुल शर्मा ने ऋषिकेश में रखा मौन व्रत, जानिए खबर -

Monday, November 25, 2024

उत्तराखंड को आईपीएस दीपम सेठ के रूप में मिले नए डीजीपी, जानिए खबर -

Monday, November 25, 2024

खिलाडी एवं कोच डॉ विरेन्द्र सिंह रावत नेशनल गेम्स 2024 को लेकर कही बड़ी बात, जानिए खबर -

Monday, November 25, 2024

सांख्य योग फाउंडेशन के अभियान को दून के प्रबुद्ध नागरिकों ने दिया समर्थन, जानिए क्या है अभियान -

Saturday, November 23, 2024

उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा 2025 : 16 जनवरी से 15 फरवरी चलेगा प्रैक्टिकल परीक्षा -

Saturday, November 23, 2024

संयुक्त नागरिक संगठन ने नशे एवं तेज गति से वाहन चलाने की बढ़ती प्रवृत्ति पर जताई चिंता, किया गोष्ठी -

Friday, November 22, 2024

जेईई परीक्षा : अब 3 नहीं 2 बार ही दे सकेंगे एग्जाम, जानिए खबर -

Tuesday, November 19, 2024

देहरादून : रंगोली और बैनर प्रतियोगिता का आयोजन उज्जवल शिखर जनकल्याण ट्रस्ट द्वारा किया गया -

Monday, November 18, 2024

उत्तराखंड के सभी स्कूलों में पढ़ाई और छुट्टियों का समय होगा एक समान, जानिए खबर -

Monday, November 18, 2024

देहरादून : राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर जिला सूचना कार्यालय में गोष्ठी का हुआ आयोजन -

Monday, November 18, 2024

बच्चों को भिक्षावृत्ति से हटाकर शिक्षा से जोड़ा जाएगा: डीएम देहरादून -

Sunday, November 17, 2024

देहरादून में साउथ अफ्रीका की छात्रा के साथ सूडान के छात्र के किया बलात्कार, मुकदमा दर्ज -

Sunday, November 17, 2024



धरती के इतिहास में वैज्ञानिकों ने खोजा ‘मेघालय युग’ जानिये खबर

yug

अभी हम होलोसीन युग में हैं, इसके कालखंड को बांटकर उससे मेघालय युग अलग किया जा सकता है ‘मेघालय युग’ 4200 साल पहले से लेकर 1950 तक होगा लंदन. भू-वैज्ञानिकों ने धरती के इतिहास में एक नए काल की खोज की है। उन्होंने 4200 साल पहले शुरू हुए धरती के इतिहास को ‘मेघालय युग’ नाम दिया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस दौरान दुनिया में अचानक भीषण सूखा पड़ा था और तापमान में गिरावट आई थी। इससे कई सभ्यताएं खत्म हो गईं थीं। माना जाता है कि धरती का निर्माण 4.6 अरब साल पहले हुआ। इस समय को कई हिस्सों में बांटा गया है। हर हिस्सा अहम घटनाओं जैसे महाद्वीपों का टूटना, पर्यावरण में अचानक आया बदलाव या धरती पर खास तरह के जानवरों और पौधों की उत्पत्ति पर आधारित है। अभी हम जिस काल में रह रहे हैं उसे होलोसीन युग कहा जाता है। यह 11 हजार 700 साल पहले शुरू हुआ था। तब मौसम में अचानक पैदा हुई गर्मी से हम हिम युग से बाहर आए थे। वैज्ञानिकों का मानना है कि होलोसीन युग को भी अलग-अलग भागों में बांटा जा सकता है। इनमें सबसे युवा ‘मेघालय युग’ 4200 साल पहले से लेकर 1950 तक होगा। खेती आधारित सभ्यताओं पर हुआ था ज्यादा असर : मेघालय युग की शुरुआत भयंकर सूखे के साथ हुई, जिसका असर 200 साल तक रहा। इसने मिस्र, यूनान, सीरिया, फिलस्तीन, मेसोपोटामिया, सिंघु घाटी और यांग्त्से नदी घाटी में खेती आधारित सभ्यताओं पर गंभीर रूप से असर डाला। मेघालय में खोज की वजह से पड़ा यह नाम : शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने मेघालय की एक गुफा की छत से टपक कर फर्श पर जमा हुए चूने को इकट्ठा किया। इसने धरती के इतिहास में घटी सबसे छोटी जलवायु घटना को परिभाषित करने में मदद की। लिहाजा, इसे ‘मेघालयन एज’ या ‘मेघालय युग’ नाम दिया गया।

Leave A Comment