नशीला पदार्थ एवं दवाये मिलने पर निरस्त होगे मेडिकल स्टोर और स्कूल काॅलेजों के लाइसेंस
देहरादून में नशीली दवाओं पर प्रभावी रोक के लिए सघन अभियान चलाया जाए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, पुलिस व जिला प्रशासन के आला अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाकर रेंडम चैकिंग की जाए। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को बीजापुर में इस संबंध में आयोजित बैठक में छात्र छात्राओं में नशाखोरी की बढ़ती प्रवित्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि स्कूल काॅलेजों के आसपास स्थित पान की दुकानों व मेडिकल स्टोरों पर विशेष नजर रखी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी दवाएं जिनका प्रयोग युवा नशा करने में कर रहे हैं, की सूची तैयार कर यह सुनिश्चित किया जाए कि केवल लाईसेंसी स्टाॅकिस्ट इन्हें डाक्टर के प्रेसक्रिप्सन होने पर ही बेच रहे हों। यह पाए जाने पर कि डाक्टर के पे्रसक्रिप्शन के बिना बेची जा रही हैं तो संबंधित का लाईसेंस निरस्त कर अन्य कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि शहर की शिक्षण संस्थानों के प्राचार्यों के साथ बैठक कर यह स्पष्ट कर दिया जाए कि एक सप्ताह में संस्थान सुनिश्चित कर लें कि उनके हाॅस्टलों व संस्थानों में छात्रों के पास नशे से संबंधित किसी प्रकार की सामग्री न हो। यदि कहीं से भी कोई सूचना मिलती है तो प्रशासन संस्थानों व हाॅस्टलों में जांच करवा सकता है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग, पुलिस व जिला प्रशासन के आला अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाकर मेडिकल स्टाॅरों के लाईसेंस, स्टाॅक व रजिस्टरों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए। यह चेतावनी जारी कर दी जाए कि शिक्षण संस्थानों के निकट पान आदि की दुकानो पर तम्बाकू या अन्य पदार्थ पाउच में बेचा जाता है तो वह भी शक के दायरे में होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों की भी जिम्मेवारी तय की जाए और यदि किसी स्तर पर संलिप्तता या लापरवाही पाई जाती है तो कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। नशे के आदी हो चुूके युवाओं से नशे की आदत छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति केंद्रों की सहायता ली जाए। पुलिस अपने खुफिया तंत्र को नशे के नेटवर्क का पता लगाने में जुटाए। जहां से नशे की आवक होने की सूचना मिल रही है वहां विशेष रूप से ध्यान दिया जाए। बैठक में मुख्य सचिव एन रविशंकर, डीजीपी बीएस सिद्धू, डीएम देहरादून रविनाथ रमन, एसएसपी पुष्पक ज्योति सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।