नशे के खिलाफ हॉफ मैराथन में दौड़ा दून
देहरादून। नशे के खिलाफ पुलिस की हॉफ मैराथन दौड़ में रविवार सुबह शहर की सड़कों पर लोग बड़ी संख्या में दौड़े। पुलिस मैराथन दौड़ को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरी झंडी दिखाई। दौड़ में कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस मैराथन में 21 किलोमीटर और 10 किलोमीटर दौड़ का आयोजन किया गया। 20 हजार से ज्यादा लोगों ने दौड़ के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। 21 किलोमीटर दौड़ के विजेता को 1 लाख का पुरस्कार मिला। मैराथन में 53 विदेशियों के साथ 22 राज्यों के धावकों ने हिस्सा लिया। मैराथन में विभिन्न श्रेणियों में प्रतिभागियों को दस लाख रुपये तक के पुरस्कार वितरित किए गए। पुलिस स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड के सचिव एवं संयोजक अशोक कुमार ने बताया कि हॉफ मैराथन में बीस हजार से अधिक लोग शामिल हुए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रतिभागियों को नशे के खिलाफ शपथ दिलायी। इसके बाद मुख्यमंत्री द्वारा मैराथन को फ्लैग ऑफ किया गया। इस दौरान रन अगेस्ट ड्रग्स थीम पर शार्ट फिल्म के प्रदर्शन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। सीएम द्वारा विजयी प्रतियोगियों को पुरस्कृत किया जाएगा। एडीजी अशोक कुमार ने शहर के लोगों से धावकों की हौसला अफजाई के लिए बड़ी संख्या में पुलिस लाइन पहुंचने का अनुरोध किया था। इस बार की हाफ मैराथन में 21 और 10 किमी की दो दौड़ रखी गई हैं। 21 किमी में दो श्रेणियां रहेगी। ओपन और मास्टर्स (45 प्लस)। जबकि 10 किमी की दौड़ में तीन श्रेणियां रहेगी। जूनियर वर्ग में (14 से 18 वर्ष) ओपन द्वितीय श्रेणी होगी, जबकि तीसरी मास्टर्स श्रेणी में 45 प्लस के लोगों दौड़े। पुरुष एवं महिला धावकों के लिए अलग-अलग श्रेणियां रखी गयी हैं। हाफ मैराथन में विभिन्न श्रेणियों में 10 लाख रुपये तक के सांत्वना पुरस्कार दिए गए। इसके साथ ही 21 किमी की दौड़ पूरी करने वाले प्रत्येक प्रतिभागी को मैडल और 10 किमी दौड़ में सभी श्रेणियों में 10 प्रतिभागियों को मैडल प्रदान किए गए। मैराथन दौड़ में एएसपी रुद्रप्रयाग प्रहलाद मीणा, एसपी कार्मिक प्रीति मीणा, सुनील मीणा, एसएसपी एसटीएफ वरिंद्रर जीत सिंह भी शामिल हुए। इनके अलावा वरिष्ठ आईएएस सैंथिल पांडियन और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रीति शर्मा भी शामिल हुए।