प्रधानमंत्री का सम्बोधन मील का पत्थर होगी साबित: त्रिवेन्द्र सिंह रावत
देहरादून | मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दावोस में आयोजित वल्र्ड इकोनाॅमिक फोरम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शानदार भाषण को 125 करोड़ देशवासियों को गौरव प्रदान करने वाला बताया है। वर्तमान में समूचे विश्व के समक्ष खड़ी चुनौतियों के निदान में प्रधानमंत्री का सम्बोधन निश्चित रूप से मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री के बदलते मौसम, घटते ग्लेशियर और एक्सट्रीम वेदर से होने वाली समस्याओं को विश्वपटल पर रखने एवं कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए विकसित देशों द्वारा विकासशील देशों को तकनीकि सहायता उपलब्ध कराने के लिए आगे आने का आह्वान किए जाने को सराहा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आज के वक्तव्य को दुनिया को नई राह दिखाने वाला बताया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य कि ‘‘70 साल के स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार देश में एक एकीकृत कर व्यवस्था गुड्स एंड सर्विस टैक्स के रूप में लागू कर ली गई है। पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए हम आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत परिवर्तन लाने के लिए हमारे संकल्प और हमारे प्रयासों का विश्व भर की व्यवसायी समुदाय ने स्वागत किया है। भारत में जनतन्त्र, जनांकिकी और गतिशीलता मिल कर विकास को साकार कर रहे हैं। दशकों के नियंत्रण ने भारत के लोगों की, भारत के युवा की क्षमताओं को जकड रखा था। लेकिन अब, हमारी सरकार के निर्भीक नीतिगत फैसलों ने, असरदार कदमों ने परिस्थितियां बदल दी हैं। लगभग साढ़े तीन साल के कम समय में जो दूरगामी और बड़े परिवर्तन भारत में हुए हैं, और हो रहे है वे सवा सौ करोड़ भारतीयों की अपेक्षाओं, उनके पुरूषार्थ और उनकी परिवर्तन को स्वीकार करने की क्षमता का यशोगान है। अब भारत के लोग, भारत के युवा 2025 में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के निर्माण में योगदान के लिए समर्थ हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि विभिन्न देशों में भारतीय मूल के 30 मिलियन लोग रह रहे हैं। जब हमने पूरी दुनिया को अपना परिवार माना है, तो दुनिया के लिए भी हम भारतीय उनका परिवार हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के इस आह्वान कि अगर आप वेल्थ के साथ वैलनेस चाहते हैं, तो भारत में काम करें। अगर आप स्वास्थ्य के साथ जीवन की समग्रता चाहते हैं तो भारत में आएं।‘‘ को भी सराहा तथा उनके इन विचारों को विश्व को नई दिशा देने वाला बताया।