प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मुख्य सचिव उत्तराखंड की सराहना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्य सचिव शत्रुघ्न सचिव सिंह से प्रगति (प्रोएक्टिव गवेर्नेस एंड टाइमली इप्लीमेंटेशन) की वीडियों कांफ्रेंसिंग की। उत्तराखंड देश के उन दस राज्यों में है जिसने सौर पम्प कार्यक्रम में भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा कर लिया है। प्रधानमंत्री ने इसके लिए मुख्य सचिव की सराहना की। कहा कि बिजली या डीजल से चलने वाले ज्यादा से ज्यादा पम्प सेट को सौर ऊर्जा में परिवर्तित किया जाय। प्रधानमंत्री ने बुधवार को ‘प्रगति’ के तहत तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना, सौर पम्प कार्यक्रम और बाढ़ की तैयारियों के बारे में मुख्य सचिव से जानकारी ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चमोली जनपद के जोशीमठ में बन रही तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के बारे में जानकारी ली। मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि 3846 करोड़ रूपये से निर्माणाधीन 520 मेगावाट की रन आॅफ दि रीवर परियोजना से उत्तर भारत के राज्यों को बिजली मिलेगी। इसमें 130 मेगावाट क्षमता की चार यूनिट होगी। मुख्य सचिव ने बताया कि एनटीपीसी को जोशीमठ के भलगांव में चुगान की अनुमति उत्तराखंड सरकार ने दे दी है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के इको संेसिटिव जोन के परिसीमन को हटाने(डीलिमिटेशन) के बोरे में कैबिनेट में फैसला हो गया है। इसे मंजूरी के लिए नेशनल बोर्ड आॅफ वाइल्ड लाइफ को भेजा जा रहा है। बताया गया कि इस परियोजना में 12 किमी की सुरंग बननी थी। 07 किमी सुरंग बन चुकी थी लेकिन दैवीय आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हो गयी। इसे दोबारा बना लिया है। शेष 05 किमी सुरंग बनाने का कार्य चल रहा है। सिंचाई और पेयजल के लिए सौर पम्प कार्यक्रम में उत्तरखंड ने इस वर्ष के प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। राज्य सरकार ने 29000 निजी नलकूपों को सौर पम्प में परिवर्तित करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है। इसकी अनुमानित लागत 1362 करोड़ रूपये है। बाढ़ से बचाव की तैयारियों के बारे में मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य ने फ्लड प्लेन जाॅनिंग एक्ट 2013 बनाकर लागू किया है। इसके तहत बाढ़ संभावित क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है। पर्वतीय नदियों से गाद देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर की नदियों में जमा होे जाती है। इन जनपदों में नदियों में जमा गाद को हटाने के लिए चुगान की अनुमति दी गई है। एसडीआरएफ के 425 जवान सात संवेदनशील स्थानों पर तैनात हैं। इसके अलावा 107 रेस्क्यू टीम भी तैयार हैं। सभी जनपदों में राहत एवं बचाव कार्य की माॅक ड्रिल कर ली गयी है |