प्रयोगशाला एंव कार्यालय सहायकों के आउटसोर्सिंग पदों पर केंद्र करें पुर्नविचार: नैथानी
नई दिल्ली स्थित शास्त्री भवन में उत्तराखण्ड के पेयजल एवं शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी से भंेट की। केंद्रीय मंत्री से मुलाकात कर नैथानी ने कहा कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान पूर्णतः भारत सरकार द्वारा पोषित योजना है, उत्तराखण्ड अपने यहां योजना को सबसे पहले संचालित करने वाला देश का प्रथम राज्य है, वर्ष 2009-10 से उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान कार्यक्रम संचालन के लिए वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट स्वीकृत किया गया। नैथानी ने कहा कि उत्तराखण्ड की विषम भौगोलिक परिस्थितयों या किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान विद्यालय राज्य में सरकारी विद्यालयों के भवन ही एक मात्र ऐसा स्थान होता है जहां प्रभावित लोगों को सुरक्षा की प्रदान किये जाने के लिए रखा जाता है इसलिए विद्यालय भवनों को सुरक्षित व सुदृढ़ीकरण करन को राज्य की प्राथमिकता बताते हुए इन भवनों के सदृढ करने के लिए केंद्र से अनुदान राशि शीघ्र दिये जाने की मांग की। शिक्षा मंत्री ने विभाग में वर्ष 2009-10 से अभी तक भारत सरकार द्वारा 2308 प्रयोगशाला सहायक एवं कार्यालय सहायक के पदों की स्वीकृति प्रदान किये जाने के बाद वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2014-15 में 1713 कार्यरत कार्मिकांे का मानदेय भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया गया था, किन्तु वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2015-16 में उक्त मद में धनराशि स्वीकृत न किये जाने के कारण इन कार्मिकों की सेवा को समाप्त करनी पड़ी। उपर्युक्त पद समूह-घ के हैं जिस कारण छठे वेतन आयोग द्वारा इन पदों को सीधी भर्ती से भरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया तथा इन पदोें को आउटसोंर्सिग से भरे जाने का प्राविधान किया गया था। इस पर विशेष जोर देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि इन आउटसोंसिग पदों हेतु मानदेय न दिये जाने के कारण जहां एक ओर विद्यालय में कार्यालय एवं प्रयोगशाला का कार्य प्रभावित हो रहे है, वहीं इनके कर्मचारियों के परिवारों पर भी आर्थिक संकट आ गया है। उन्होंने इन कर्मचारियों के मानदेय पर शीघ्र विचार किये जाने की भी बात कही। शिक्षक वेतन मद में राज्यांश के अतिरिक्त प्रतिशिक्षक लगभग रूपये 13 हजार से अधिक वेतन राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2015-16 में भारत सरकार द्वारा 832 प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों का एंट्री लेवल वेतन अनुमोदित किया गया, जबकि वास्तविक रूप से 903 प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक कार्य कर रहे है। प्रदेश में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के विद्यालयों में शिक्षक पदोन्न्त होकर आते हैं, जिनका वास्तविक वेतन एंट्री लेवल वेतन से अधिक होता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ये 903 अध्यापक भारत सरकार द्वारा अनुमोदित वेतन से अधिक वेतन आहरित कर रहे है, इसका वहन भी भारत सरकार द्वारा किया जाना चाहिए।