बच्चों का नियमित स्वास्थ्य जांच हो :रावत
मुख्यमंत्री हरीश रावत की पहल पर षुरू की गई खिलती कलियां कार्यक्रम के तहत अतिकुपोशित बच्चों की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के अधिकारियों द्वारा ली गई है। मुख्यमंत्री रावत द्वारा स्वयं इस कार्यक्रम के तहत बच्चों की जिम्मेदारी ली गई है। ऐसे ही अनिकेत नाम के एक बच्चे की जिम्मेदारी क्षमा बहुगुणा, बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा ली गई है। बाल विकास परियोजना अधिकारी श्रमा बहुगुणा ने बताया कि इसे बच्चे का खिलती कार्यक्रम के तहत पंजीकरण कराने के बाद से नियमित स्वास्थ्य जांच आदि की जाती रही है। अनिकेत का माह सितम्बर 2015 में वजन (7.00 किलोग्राम) लेने पर यह अतिकुपोशित श्रेणी मे आने पर 10 सितम्बर 2015 को स्वास्थ्य टीम द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया। इसके बाद जांच में पाया गया कि बच्चें को हदय संबन्धी समस्या होने पर फोर्टिज में संदर्भित किया गया। फोर्टिज अस्पताल में बच्चें की 10.9.2015 सें 12.9.2015 सभी जांच की गई, जिसमे प्राप्त रिर्पोट में पाया गया कि अनिकेत के दिल में छेद अन्य समस्या भी थी है। इस संबंध में प्रमुख सचिव महिला सषक्तीकरण एवं बाल विकास राधा रतूड़ी और निदेशक आई.सी.डी.एस. ज्योति नीरज खैरवाल को जानकारी दी गई। प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी द्वारा मुख्यमंत्री को इस संबंध में अवगत कराया गया, जिस पर मुख्यमंत्री रावत ने तत्काल निर्देश दिये कि बच्चे को बेहतर से बेहतर उपचार शीघ्र उपलब्ध कराया जाय। उपचार पर होने वाला पूरा व्यय राज्य सरकार द्वारा व्यय किया जायेगा। इसके बाद बच्चे की गम्भीर स्थिति को देखते हुए 22 सितम्बर 2015 को फोर्टिज में भर्ती किया गया, जहाॅं पर 23 सितम्बर 2015 को आपरेषन किया गया। आपरेषन के उपरान्त बच्चे की गम्भीर स्थिति को देखते हुए जीवन सुरक्षा प्रणाली में रखा गया।