बेमौसमी बरसात व हिमपात से कृषि नुकसान का रावत ने लिया जानकारी
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरूवार देर रात्रि तक वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों से प्रदेश में बेमौसमी बरसात व हिमपात से कृषि व औद्यानिकी को हुए नुकसान की जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सभी जिलाधिकारी व्यक्तिगत ध्यान देते हुए किसानों को हुए नुकसान का आंकलन तैयार करे। आंकलन तैयार करते समय यह ध्यान रखा जाय कि प्रभावित व्यक्ति छूटे न। इसके साथ ही सभी जिलाधिकारी ब्लाॅकवार खेती व बागवानी करने वाले परिवारों की सूची तैयार कर मुख्य सचिव को तत्काल भेजे। इसमें केवल उन्ही लोगो को शामिल किया जाय, जो खेती या बागवानी कर रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि व औद्यानिकी से हुए नुकसान के लिए मुआवजा राशि देने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से धनराशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि सभी प्रभावितों को तत्काल चैक वितरित कर दिये जाय। यदि कहीं पर आकाशीय बिजजी के कारण भी नुकसान होता है, तो उसकी भी रिपोर्ट तत्काल तैयार कर शासन को भेजी जाय। साथ ही आकाशीय बिजली अथवा बादल फटने की घटना से होने वाले नुकसान का मुआवजा तत्काल प्रभावितों को आपदा प्रबंधन मद से दी जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने जिलाधिकारियों से चारधाम यात्रा के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि यात्रा शुरू होने में कम समय रह गया है, इसलिए सभी व्यवस्थाएं समय पर पूरी कर ली जाय। बद्रीनाथ धाम पर विशेष फोकस किया जाय, ग्लेशियर आदि के कारण अवरूद्ध मार्ग को जल्द से जल्द खोला जाय। इसके लिए स्थानीय स्तर पर मैन पावर को बढ़ाया जाय। इस कार्य में लगे मजदूरों को केदारनाथ की तर्ज पर मानदेय दिया जाय। बर्फ को हटाने के लिए वैज्ञानिक तकनीक भी अपनायी जाय। मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि जिलाधिकारी चमोली को एक हैलीकाप्टर उपलब्ध कराया जाय। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिये कि बद्रीनाथ धाम पर सभी आवश्यक सामग्री हैलीकाप्टर से पहुंचायी जाय। बिजली, पानी, स्वास्थ्य से संबंधित सभी व्यवस्थाएं समय पर पूरी कर ली जाय। बिजली आपूर्ति सुचारू होने तक अलास्का लाईट का उपयोग किया जाय। राज्य सरकार द्वारा एम.आई.जी.17 हैलीकाप्टर की मांग की गई है, जिसके प्राप्त होते हुए उसका उपयोग भी बद्रीनाथ में जरूरी सामग्री पहुंचाने में किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिये कि बीआरओ के अधिकारियों से समन्वय कर अवरूद्ध सड़क मार्ग को शीघ्र खोला जाय। मुख्यमंत्री ने गंगोत्री-यमुनोत्री धाम व केदारनाथ धाम की व्यवस्थाओं के संबंध में भी जिलाधिकारी उत्तरकाशी व चमोली से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवस्थाओं के आयोजन में यदि किसी प्रकार की कोई समस्या हो, तो तत्काल शासन को अवगत कराया जाय। जिलाधिकारी चमोली की मांग पर यात्रा व्यवस्था के आयोजन के लिए 2.5 करोड़ रुपये की मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। साफ-सफाई व्यवस्था के लिए जिला पंचायत रूद्रप्रयाग को 25 लाख रुपये भी स्वीकृत किये गये। इस अवसर पर वन मंत्री दिनेश अग्रवाल, मुख्य सचिव एन.रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव ओमप्रकाश, एस रामास्वामी, डा0 रणवीर सिंह सहित अन्य अधिकारी व सभी जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित थे।