Breaking News:

लेखक विनय निरंजन के उपन्यास ‘नछत्तर’ का हुआ लोकार्पण -

Monday, January 27, 2025

आयुष्मान कार्डों का सत्यापन : आधार कार्ड और राशन कार्ड मांगने के लिए अस्पतालों को एडवाइजरी जारी -

Monday, January 6, 2025

सीएम धामी ने पीएम मोदी को राष्ट्रीय खेलों के लिए कियाआमंत्रित -

Monday, January 6, 2025

फेक सूचनाओं से बचे : थिंक बिफोर यू शेयर के साथ-साथ थिंक बिफोर यू केयर जरूरीः डॉ नितिन उपाध्याय -

Monday, January 6, 2025

भक्ति भाव के साथ सारा सुभाष नगर प्रभु भक्ति भजनों के साथ हुआ गुंजायमान -

Monday, January 6, 2025

दुःखद : वाहन खाई में गिरने से दो लोगों की मौत -

Sunday, December 29, 2024

उत्तराखंड : कांग्रेस ने जारी की 14 प्रत्याशियों की तीसरी सूची, जानिए खबर -

Sunday, December 29, 2024

उत्तराखंड : भाजपा ने मेयर प्रत्याशियों की जारी की पहली लिस्ट, जानिए खबर -

Sunday, December 29, 2024

युवाओं का शपथ : ना ड्रग्स लेंगे ना लेने देंगे -

Sunday, December 29, 2024

अजब गजब : मेयर के टिकट के दावेदार का नाम मतदाता सूची से गायब, जानिए खबर -

Sunday, December 29, 2024

उत्तराखंड निकाय चुनावः राज्य में मतदाताओं संख्या 30 लाख 83 हजार 500 -

Tuesday, December 24, 2024

उत्तराखंड : बर्फ की चादर से सफेद हुई चारधाम के पहाड़ियां -

Tuesday, December 24, 2024

पहचान : ठेले पर अंडे बेचने वाले का बेटा बना जज, जानिए खबर -

Tuesday, December 24, 2024

संगठन मजबूती को लेकर कांग्रेस की हुई बैठक, जानिए खबर -

Tuesday, December 24, 2024

भारत रत्न से सम्मानित किया जाए इंद्रमणि बडोनी – आम आदमी पार्टी -

Tuesday, December 24, 2024

सराहनीय : 11 हजार फीट की ऊंचाई से घायल बालिका को किया एयरलिफ्ट -

Saturday, December 21, 2024

उत्तराखंड : सीएम धामी ने 54 करोड़ 31 लाख की योजनाओं का लोकापर्ण किया -

Saturday, December 21, 2024

आबकारी विभाग की बड़ी कार्यवाही, शराब की 58 पेटी बरामद की -

Saturday, December 21, 2024

दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे गये देहरादून के सुशील सैनी -

Monday, December 9, 2024

नौसेना के अदम्य साहस, पराक्रम एवं शौर्य से हुए रूबरू, जानिए खबर -

Friday, November 29, 2024



भारत में लोकतन्त्र का भविष्य

india

भारत विश्व का सबसे बडा लोकतन्त्र है। लगभग 36 करोड से अधिक लोगों को राज्यों की विधान सभाओं और केेन्द्र में लोक सभा के सदस्यों को चुनने के लिए मताधिकार प्राप्त है। 26 जनवरी, 1950 को हमारे संविधान के लागू होेने के पश्चात् लोक सभा के नौ और राज्य विधानसभाओं के लिए इससे भी कई अधिक बार आम चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं। इस पूरी अवधि में लोकतान्त्रिक क्रिया कलाप भारत में भली प्रकार होते रहें हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतन्त्र को विश्वसनीयता प्रदान की है। जबकि हमारे पडौस में पश्चिम और पूरब दोनों में ही कुछ हद तक उत्तर में भी विभिन्न प्रकार की तानाशाही का उदय होता रहता है। यह प्रवृत्ति अब भी जारी है, भारतीय लोकतन्त्र समय की कसौटी पर खरा उतरा है और इसकी लोकतान्त्रिकता की पश्चिमी देशों में बहुत से नेताओं द्वारा प्रशंसा की गई है। भारत में लोकतन्त्र की इस सफलता के पश्चात् भी, इसके विषय में संदेह एवं भय प्रकट किये गए हैं, निराशावादियों का कहना है कि भारत में लोकतन्त्र की वर्तमान सफलता केवल एक अस्थायी स्थिति है। उनके अनुसार, भारत में लंबी अवधि तक गुलामी का सहा है, इतनी कि दासता की भावना हमारी प्रतिभा और चरित्र का प्रमुख अंग बन चुकी है। भारतीय राजनीति में बहुत से ऐसे तत्व हैं जो भारत को पुनः गुलामी की ओर जाने को मजबूर कर देगें। साम्प्रदायवाद भारत में इतना गहरा समाया हुआ है, और वह लोकतन्त्र की आत्मा को अग्राहय है। भारत में बेहद गरीबी है और गरीबी और निर्धनता लोकतन्त्र एवं लोकतान्त्रिक परम्पराओं के विकास के लिए स्वास्थ्यप्रद नहीं है, क्या उन नागरिकों के जीवन में जीवन का लोकतान्त्रिक तरीका समा सकता है, जोकि घोर सामाजिक और आर्थिक असमानताओं के शिकार हैं। क्षेत्रवाद और प्रान्तवाद भी ऐसे तत्व हैं जोकि भारत में लोकतन्त्र के जिन्दा रहने तक के लिए खतरा बने हुए हैं, जाति, धर्म और भाषा के नाम पर संकुचित वफादारियां हमारे लाखों लोगों को सम्पूर्ण राष्ट्र के संदर्भ में सोचने से रोकती हैं, इसके अतिरिक्त निराशावादियों का यह भी कहना है कि भारतीयों को पर्याप्त राजनीतिक प्रशिक्षण भी प्राप्त नहीं हैं, वे मुश्किल से ही यह जानते हैं कि मताधिकार का प्रयोग कैसे किया जाता है, वे धन के प्रभाव से अपने को मुक्त नहीं रख पाते जिसकी भारतीय चुनावों में बहुत बडी भूमिका हो चली है।

Leave A Comment