भू – अध्यादेश,किसान और भारत सरकार
भूमि अध्यादेश किसानो के लिए एक ऐसा जंजाल है जो सही और गलत का निर्णय भी उनके लिए बेईमानी लगती है.देश में अनेक किसान ऐसे है जिनका सब कुछ लेदेकार केवल उनकी जमीन ही पूँजी सरीक है.यही किसान अपनी जमीन को बेचने या देश के विकास के लिए जमीन को देने में नही हिचकता परंतु किसान अपनी जमीन का सही हक चाहता है.इनसब पर गौर किया जाय तो किसानो की पूँजी ही उनकी एक मात्र जीवन का दर्पण है उनकी भूमि.मोदी सरकार द्वारा भू अध्यादेश तो आया लेकिन किसानो के लिए कितना हितकर होगा ये तो दूर की बात है पर उससे पहले किसानो के लिए कानूनी लिखित रियाते होना भी आवश्यक है जिससे वह अच्छे दिनों की कल्पना कर सके| भारत सरकार किसी भी सन्गठन का राय लेने के बजाय देश के किसानो से सीधे संवाद करे जिससे उनकी समस्याओ का समाधान सत्यपूर्ण हो सके.
अरुण कुमार यादव (सम्पादक )