मन की आंखों से तिरंगे को देखने का जोश….
देहरादून । राष्ट्रीय महत्व के दिनों में राष्ट्रीय ध्वज फहराना सभी भारतीयों के लिए गौरव का क्षण है। विशेष दिन, जैसे कि गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस, जब तिरंगा घरों, स्कूलों, संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों पर फहराया जाता है, तो हर भारतीय की भावनाएं जोश से भर जाती हैं। हमारा संविधान कहता हैः “भारतीय राष्ट्रीय ध्वज भारत के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है।“ 2004 में, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि “सम्मान और मान के साथ स्वतंत्र रूप से राष्ट्रीय ध्वज को फहराने का अधिकार, भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के अर्थ में एक नागरिक का एक मौलिक अधिकार है, जो एक अभिव्यक्ति है और उनकी निष्ठा और भावनाओं और देश के लिए गर्व की भावना का प्रकटीकरण है। भारतीय तिरंगा दुनिया के सबसे खूबसूरत झंडों में से एक है, जिसके प्रत्येक रंग और अशोक चक्र का विशेष महत्व है। हर कोई इस सुंदर दृश्य को नहीं देख सकता। हमारे बीच के नेत्रहीन इन खूबसूरत रंगों को निहारने के आनंद को साझा करने से वंचित रह जाते हैं। नेत्रहीन बच्चों को राष्ट्रीय ध्वज का अनुभव करने में सक्षम बनाने के लिए, एमपी बिड़ला सीमेंट ने “रंगों से रहित ध्वज“ तैयार किया है। सीमेंट से बना यह ध्वज ब्रेल मार्किंग के माध्यम से ध्वज के रंगों और प्रतीक को उभार कर बाहर लाता है। इस गणतंत्र दिवस, ब्रेल ध्वज, कंक्रीट में बनाया गया, पूरे देश के कई ब्लाइंड स्कूलों में ले जाया गया, जिससे इनके छात्रों को हमारे गणतंत्र की 70वीं वर्षगांठ के समारोह में पूरे जोश के साथ अच्छे से भाग लेने का मौका मिला। सेवामंदिर स्कूल, इंदौर, उन संस्थानों में से एक है जिन्हें “ध्वज, रंगरहित” प्राप्त हुआ। संदीप रंजन घोष, एग्जीक्यूटिव प्रेसिडेंट, एमपी बिड़ला सीमेंट, ने कहा कि “इस 70वें गणतंत्र दिवस में, हमारे ध्वज में निहित मूल्य पहले की तुलना में अधिक प्रासंगिक हैं।