मुख्यमंत्री का चाय बागान में स्मार्ट सिटी की नो एंट्री का एलान
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सचिव आवास व उपाध्यक्ष एमडीडीए आर. मीनाक्षी सुंदरम को निर्देश दिए हैं कि स्मार्ट सिटी के लिए केंद्र सरकार द्वारा तय मानकों के अनुरूप भूमि के लिए देहरादून में चाय बागान के अतिरिक्त अन्य सम्भावनाओं को भी देख लिया जाए। स्मार्ट सिटी के लिए भूमि की आवश्यकता को 300 एकड़ तक सीमित करने का प्रयास किया जाए। यदि भूमि को 300 एकड़ तक किया जाना सम्भव नहीं हो तो स्मार्ट सिटी के प्रश्न पर निर्णय लेने के लिए वर्ष 2017 में बनने वाली सरकार पर छोड़ दिया जाए। मुख्यमंत्री ने सचिव आवास को यह भी निर्देश दिए कि चाय बागान को लेकर पर्यावरण व अन्य कारणों से जो भी शंकाएं व्यक्त की जा रही हैं, उनको दूर किया जाए। चाय बागान में ग्रीन कवर को बनाए रखा जाए और वहां काम करने वाले मजदूरों की आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। बीजापुर में मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जनभावनाओं व संवेदनाओं का पूरा सम्मान करती है। स्मार्ट सिटी को लेकर लोगों की जो भी शंकाएं हैं उन्हें प्राथमिकता से दूर किया जाएगा। इस सम्बंध में जो भी सवाल उठाये जा रहे है उनका हमने संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि भाजपा के मित्र बताएं कि उन्हें देहरादून में स्मार्ट सिटी चाहिए या नहीं। स्मार्ट सिटी का कन्सेंप्ट केंद्र सरकार द्वारा दिया गया है और प्रदेश हित में हमने इसे स्वीकार किया है। परंतु लगता है उत्तराखंड भाजपा के मित्रों को स्मार्ट सिटी का कन्सेंप्ट पसंद नहीं है। यदि ऐसा है तो वे साफ साफ कह दें कि उन्हें देहरादून में स्मार्ट सिटी नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कोशिश है कि देहरादून के साथ ही उत्तराखंड का ग्रीन कवर बढ़ाया जाए। हमारा दायित्व है कि भावी पीढ़ी को हम बेहतर, स्वस्थ व स्वच्छ उत्तराखंड दें।