मुख्यमंत्री ने बिजली व पेयजल की समस्या पर गहरी नाराजगी जताई
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीजापुर में प्रदेश में पेयजल की स्थिति की समीक्षा करते हुए पेयजल समस्या के तुरंत निदान के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बिजली व पेयजल की समस्या पर गहरी नाराजगी जताई। मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव एस राजू को सभी जिलाधिकारी से सम्पर्क कर पेयजल की स्थिति का फीडबैक लेने के निर्देश दिए है। यह बताए जाने पर कि बिजली ना रहने से पेयजल की आपूर्ति में बाधा आ रही है, मुख्यमंत्री ने पेयजल व ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को प्रतिदिन संयुक्त रूप से समीक्षा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने उर्जा विभाग के एमडी को निर्देश दिए कि देहरादून सहित अन्य स्थानों पर बिजली सप्लाई की तकनीकि खराबी को तुरन्त सुधारा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों में जहां जहां जेनरेटर पम्प सैट से स्थिति सुधारी जा सकती है वहां पम्प सैट किराए पर ले लिये जाए। आवश्यकता अनुसार टैंकर्स व अन्य वैकल्पिक व्यवस्था भी बनाई जाये। इसके लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था जिलाधिकारी प्राथमिकता से करें व अधिक आवश्यकता होनेे पर शासन को सूचित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकों को पेयजल आपूर्ति सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमे ंकिसी तरह की लापरवाही क्षम्य नही होगी। मुख्यमंत्री ने पेयजल योजनाओं के लिए दो तरह के प्लान तैयार करने के निर्देश दिए, प्रथम वह योजनाएं जो वर्तमान में निर्माणाधिन चल रही है, इनके बजट के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध किया जाएगा, दूसरी वे योजनाएं जो राज्य के अनुसार आवश्यक है इनके लिए धन की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने पेयजल योजनाओ को प्राथमिकता के आधार पर दो वर्ष की रणनीति बनाने के निर्देश दिए है। बताया गया कि देहरादून में पेयजल आपूर्ति के लिए 35 टैंकरों का उपयोग किया जा रहा है जबकि प्रदेश में 113 टैंकरों का उपयोग किया जा रहा है।
बैठक में पेयजल मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, मुख्य सचिव एन. रवि शंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, एस राजू सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।