युवा डाॅक्टर गावों में 4-5 वर्ष की सेवा जरूर देंः राज्यपाल
हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विवि का द्वितीय दीक्षांत समारोह आयोजित
देहरादून । राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा है कि युवा डाॅक्टरों को राज्य के दुर्गम स्थानों और गावों में कम से कम चार-पांच वर्ष की सेवा अवश्य देनी चाहिए। राज्यपाल मौर्य ने कहा कि चिकित्सा सर्व सुलभ होनी चाहिए तथा गरीब और वंचित वर्ग को इसका लाभ मिलना चाहिए। मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार आवश्यक है। राज्यपाल मौर्य ने शनिवार को एफ0आर0आई0सभागार में आयोजित हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किये। राज्यपाल ने कहा कि ‘‘मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि आप सभी चिकित्सक के रूप में ली अपनी शपथ का सदैव स्मरण करेंगे और अपने कौशल का उपयोग राज्य के दूरस्थ, दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में रह रहे रोगियों के उपचार हेतु करेंगे। यही आप की वास्तविक गुरु दक्षिणा होगी।’’ राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के प्रतीक चिन्ह (लोगो) का भी अनावरण किया। राज्यपाल मौर्य ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय को उत्तराखण्ड के दूरस्थ गावों को गोद लेकर बाल कुपोषण उन्मूलन तथा महिला स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी विशेष प्रयास करने चाहिए। विश्वविद्यालय को मौलिक गुणवत्ता युक्त शोध कार्य को प्रोत्साहित करना चाहिए। सर्वसुलभ सस्ता उपचार और जन स्वास्थ्य विश्वविद्यालय की प्राथमिकता में होना चाहिए। इससे पूर्व, राज्यपाल मौर्य जो कि विश्वविद्यालय की कुलाधिपति भी हैं द्वारा कुल 465 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। इनमें एम.डीध्एम.एस के 27, नर्सिंग के 337, पैरामेडिकल के 101 विद्यार्थी सम्मिलित हैं। विश्वविद्यालय द्वारा प्रो0डा0के0एन0अग्रवाल और प्रो0डा0ए0के0महापात्रा को मानद उपाधि ’डाक्टर ऑफ सांइस’ से सम्मानित किया गया। कुल 11 विद्यार्थियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक तथा 04 शोधार्थियों को ‘प्रो0 एम0सी0पंत बेस्ट पेपर अवार्ड’भी दिया गया। कुलपति प्रो0 हेमचन्द्र ने बताया कि विश्वविद्यालय से 3 मेडिकल काॅलेज, 23 नर्सिंग काॅलेज तथा 10 पैरामेडिकल काॅलेज संबद्व हैं। कुल 4152 विद्यार्थी विश्वविद्यालय से शिक्षा ले रहे हैं। विश्वविद्यालय द्वारा आगामी सत्र से पी0एच0डी भी प्रारंभ की जायेगी। मास्टर ऑफ हास्पिटल एडमिनिस्ट्रिेशन कोर्स की मंजूरी भी मिल गई है। समारोह को मानद उपाधि से सम्मानित प्रो0 अग्रवाल और प्रो0 महापात्रा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में निदेशक चिकित्सा शिक्षा युगल किशोर पंत, विश्वविद्यालय के कुलसचिव, कार्यपरिषद के सदस्य, प्राध्यापक गण, छात्र-छात्राएं एवं उनके परिजन उपस्थित थे।