राजस्थान के दंपती ने लड़कियों की सुरक्षा के लिए की अनोखी पहल
जयपुर | शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. रामेश्वर प्रसाद यादव दो साल पहले राजस्थान में अपने गांव चुरि जा रहे थे, जब उन्होंने रास्ते में बारिश में भीगती 4 लड़कियों को सड़क किनारे देखा। उनकी पत्नी तारावती ने उन लड़कियों को लिफ्ट ऑफर की। लड़कियों से बातचीत में पता चला कि लड़कियां अपने कॉलेज गई थीं जो 18 किमी दूर कोटपुतली में स्थित है लेकिन फिर भी उनकी उपस्थिति बेहद कम है। इसकी वजह इलाके में अक्सर होने वाली तेज बारिश नहीं बल्कि लड़कियों को इलाके के पथरीले, गर्म और धूलभरे रास्ते पर 3 से 6 किमी तक पैदल चलना होता है, तब जाकर वह पब्लिक बस स्टॉप पहुंच पाती हैं, जहां से उन्हें कोटपुतली जाने वाली बस मिलती है। एक छात्रा ने उन्हें बताया, ‘बस में लड़के अक्सर हमसे बुरा व्यवहार करते हैं।’ उनकी कहानी दंपती के दिल को छू गई। रामेश्वर प्रसाद बताते हैं, ‘जब हम घर पहुंचे तो मेरी पत्नी ने पूछा कि अपन कुछ कर सकते हैं क्या? इसके बाद उन्होंने दूसरा सवाल किया कि अगर हमारी बेटी आज जिंदा होती तो उसकी पढ़ाई और शादी में हम कितना खर्च करते, करीब 20 लाख रुपये?’ डॉ. रामेश्वर बताते हैं, ‘और इस तरह हमने उनके लिए एक बस खरीदने का फैसला किया।’ रिटायर्ड सरकारी डॉक्टर रामेश्वर ने अपने सामान्य पीएफ से 17 लाख रुपये निकाले जो कि कुल पीएफ सेविंग का 75 फीसदी था। उन्होंने अपनी सेविंग से इसमें 2 लाख रुपये जोड़कर 19 लाख रुपये की एक सफेद टाटा स्टारबस खरीदी। तारावती बताती हैं, ‘हमारी बेटी की मौत के बाद हम कुछ सोचने समझने की स्थिति में नहीं थे लेकिन अब ऐसा लगता है कि सब कुछ पूरा हो गया।’ यह बस मध्य राजस्थान के जयपुर जिले के चुरि, पावला, कायमपुरा बास और बनेती गांवों की लड़कियों को कॉलेज तक पिक और ड्रॉप करती है।