लोक सेवा अभिकरण से सेवा का अधिकार को मिलेगी मजबूती : सीएम त्रिवेन्द्र
सूचना तकनीक से जनशिकायत निवारण तंत्र को प्रभावी बनाया जाएगा। आमजन की शिकायतों को त्वरित निवारण करने के लिए गठित ‘‘उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण’’ (यूकेएसएपीएस) की प्रथम साधारण आमसभा की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अधिकारियों से अभिकरण की भूमिका पर चर्चा की। बैठक मुख्यमंत्री आवास में आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने ‘‘उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण’’ (यूकेएसएपीएस) के लोगो का विमोचन किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण से सेवा का अधिकार को और मजबूती मिलेगी। इससे गुड गवर्नेस, कार्यो में पारदर्शिता, ई-गवर्नंेस को सुदृढ़ करने, आमजन को नियत समय पर सेवाऐं प्रदान करने, अच्छी कार्य संस्कृति विकसित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ताओं की संतुष्टि सर्वोपरि है। अभिकरण की स्थापना का मूल उद्देश्य राज्य में सरकारी सेवाओं को सरल व पीपुल फे्रण्डली तरीके से जन सामान्य तक पहुंचाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभिकरण के कार्यो को आईटी विभाग के सहयोग से अधिकाधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। आमजन की शिकायतों के निवारण हेतु मुख्यमंत्री हेल्पलाइन (सीएम हेल्पलाईन) 1905 शुरू की जाएगी। इसके लिए 50 सीटों के काॅल सेन्टर की स्थापना उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण द्वारा आउटसोर्स के माध्यम से की जाएगी। सीएम डेशबोर्ड के कार्यो को भी यूकेएसएपीएस को हस्तान्तरित किया जाएगा। उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण द्वारा राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की सेवाओं को काॅमन सर्विस सेन्टर (सीएससी) के माध्यम से जन सामान्य तक पहुंचाया जाएगा। राज्य में ई-डिस्ट्रक्ट परियोजना की नोडल एजेन्सी का कार्य भी उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण करेगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाले श्रेष्ठ अधिकारियों/कार्मिकों को हर महीने सम्मानित किया जाएगा। उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण का गठन सोसाईटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत किया जाएगा। संस्था को मुख्यालय देहरादून में होगा। इस अवसर पर उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण की कार्यकारिणी समिति के सदस्य मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आई0टी0 आर0के0 सुधांशु, सचिव वित्त के प्रतिनिधि अपर सचिव वित्त भूपेश तिवारी उपस्थित थे।