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वरिष्ठ नागरिकों को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने की चुनौती….

उत्तराखंड | डिजिटल युग में तकनीक ने जीवन को सरल और सुविधाजनक बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही साइबर अपराधों की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है। विशेषकर, सीनियर सिटीजन इस तकनीकी क्रांति के प्रभावों को समझने में अक्सर कठिनाई महसूस करती है, जिससे वे साइबर अपराधियों के आसान शिकार बन जाते हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ऑनलाइन फ्रॉड एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। धोखेबाज विभिन्न प्रकार की योजनाओं का सहारा लेते हैं, जैसे फर्जी कॉल, ईमेल, टेक्स्ट मैसेज, और सोशल मीडिया के माध्यम से लिंक भेजना, जिनके जरिये वे निजी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। इसके परिणामस्वरूप वरिष्ठ नागरिकों की जीवनभर की बचत और गोपनीयता खतरे में पड़ जाती है। एक प्रमुख कारण यह है कि वरिष्ठ नागरिक व्यक्ति अक्सर नई तकनीकों और डिजिटल उपकरणों का पूरी तरह से उपयोग करने में सहज नहीं होते। इसके अतिरिक्त, वे ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में जागरूक नहीं होते और न ही उन तक इस तरह की जानकारी पहुँचाने के लिए पर्याप्त प्रयास किए जाते हैं। कई बार, वे इस बात का भी अंदाजा नहीं लगा पाते कि कौन सी जानकारी सार्वजनिक करनी है और कौन सी नहीं। इसका फायदा उठाकर साइबर अपराधी उन्हें फंसाने में सफल हो जाते हैं। इस चुनौती का समाधान करने के लिए हमें सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। सबसे पहले, सीनियर सिटीजन को साइबर सुरक्षा के बारे में शिक्षित करने की आवश्यकता है। इसके लिए सामुदायिक संगठनों, सरकार और तकनीकी विशेषज्ञों को मिलकर कार्य करना होगा। ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों से निपटने के लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई और सख्त साइबर कानून भी आवश्यक हैं। इसके अतिरिक्त, परिवार और समुदाय के सदस्यों को भी इस दिशा में जागरूकता फैलाने और वरिष्ठ नागरिकों की मदद करने की जिम्मेदारी उठानी होगी। सीनियर सिटीजन को तकनीक से डरने के बजाय उसे समझने और सुरक्षित उपयोग करने के लिए प्रेरित करना होगा। अंततः, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सीनियर सिटीजन डिजिटल दुनिया में भी सुरक्षित और आत्मविश्वास से भरा जीवन जी सकें। इसके लिए साइबर सुरक्षा और जागरूकता के प्रयासों को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक है। केवल तब ही हम एक सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल समाज का निर्माण कर सकेंगे, जहां हमारे वरिष्ठ नागरिक भी सम्मान और सुरक्षा के साथ रह सकें।

-लेखक अंकित तिवारी शोधार्थी, अधिवक्ता एवं पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि हैं

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