वाहन पंजीकरण पर क्यों वसूला जा रहा गब्बर सिंह टैक्सः मोर्चा
देहरादून । जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी0एम0वी0एन0 के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि परिवहन विभाग सरकार की तानाशाही के चलते प्रदेश की जनता चाहे वो सैनिक ही क्यों न हो उनको लूटने का सिलसिला वर्षों से जारी है। नेगी ने कहा कि आर0टी0ओ0 द्वारा मोटर वाहन के पंजीकरण पर जो टैक्स वसूला जाता है वो एक्स शोरूम प्राइज होता है, यानि मोटर वाहन की कीमत $ एस0जी0एस0टी0 14 फीसदी $ सी0जी0एस0टी0 14 फीसदी व सैस 3 फीसदी यानि कुल मिलाकर 31 फीसदी टैक्स मोटर वाहन की कीमत में जोड़कर पंजीकरण शुल्क आर0टी0ओ0 द्वारा लिया जाता है, जो कि वाहन स्वामियों पर दोहरी मार है। मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि यह एक तरह से गब्बर सिंह टैक्स है। पूर्व व्यवस्था में 10 लाख से कम कीमत वाले वाहनों पर 6 फीसदी तथा 10 लाख से ज्यादा कीमत वाले वाहनों पर 8 फीसदी कराधान की व्यवस्था थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसको संशोधित कर 5 लाख तक के वाहनों पर 8 फीसदी, 10 लाख तक के वाहनों पर 9 फीसदी तथा 10 लाख से अधिक कीमत वाले वाहनों पर 10 फीसदी की व्यवस्था की है तथा छोटे वाहनों पर भी कराधान के अलग-अलग स्लैब बनाये गये हैं। इस वृद्वि के कारण कभी-कभी पहले स्लैब से दूसरे स्लैब में पहुॅंच जाता है, जिस कारण अधिक टैक्स चुकाना पड़ता है। नेगी ने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि सरकार को एक्स फैक्ट्री प्राईस के आधार पर कर अधिारोपित करने का शासनादेश जारी करना चाहिए था यानि वाहन की वास्तविक कीमत पर, लेकिन सरकार द्वारा टैक्स पर टैक्स लगाकर जनताध्फौजियों को लूटने का काम किया जा रहा है। कई त्यौहारों व खास मौकों पर वाहन विक्रेताओं द्वारा विशेष छूट भी प्रदान की जाती है, लेकिन टैक्स मोटरवाहन मालिकों को एक्स शोरूम प्राईस के हिसाब से ही देना पड़ता है। मोर्चा ने मांग की कि दोहरे कराधान (गब्बर सिंह टैक्स) से जनता को निजात दिलायें। पत्रकार वार्ता में विनोद गोस्वामी, जयन्त चौहान , गुरविन्दर सिंह आदि उपस्थित रहे।