शासन ने मारी महिला हैल्पलाइन के ढांचे पर कुंडली
देहरादून। शासन की महिलाओ की सुरक्षा के प्रति कितनी संवेदनशीलता है इस बात का इससे ही पता चलता है कि प्रदेशभर में बढ़ रहे महिला उत्पीड़न के मामलों को दरकिनार कर राज्य शासन प्रदेश में स्थापित महिला हैल्पलाइन के स्वीकृत ढांचे के अनुरूप भर्तियों के प्रस्ताव पर दो साल से कुंडली मारे बैठा है । दिल्ली में 2012 में हुए सामूहिक बलात्कार कांड के बाद उत्तराखंड में भी पुलिस मुख्यालय तथा जिलों में महिला हैल्पलाइन स्थापित की गई थी । इसमें महिलाओं से संबंधित घरेलू हिंसाए छेडछाड और अन्य लैंगिक अपराधो को लेकर पुलिस मुख्यालय में टोल फ्री नंबर 18001804111 पर फोन करके अथवा मोबाइल नंबर 9411112780 पर एसएमएस करके सूचना दी जा सकती है । सूचना मिलते ही पुलिस त्वरित कार्रवाई करती है । इसके अलावा जिला स्तर पर भी मुपफ्त पफोन नंबर 1090 पर सूचना पंजीकृत कराई जा सकती है । आंकडे बताते हैं कि जनवरी से 31 मई 2016 तक इस प्रकार के पुलिस मुख्यालय तथा जिला स्तर तक 2104 शिकायतें दर्ज कराई गई है जिनमें से नौ पुलिस प्राथमिकियां दर्ज की गई । राज्य महिला सुरक्षा हैल्पलाइन प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ममता बोहरा के अनुसार अधिकांश मामलों में त्वरित कार्रवाई की गई है जबकि 81 शिकायतों पर काम किया जा रहा है । इससे पहले वर्ष 2015 में इस तरह की कुल 5580 शिकायतें दर्ज की गई थी जिनमें से 12 में पुलिस प्राथमिकी दर्ज की गई थी । जबकि वर्ष 2014 में यह संख्या 6941 थी जिनमें 53 पुलिस प्राथमिकी दर्ज की गई थी । यही नही, महिलाओं के प्रति अपराधें की रोकथाम को बनाये गये इस तंत्र का दुरूपयोग भी कम नही हो रहा है । शरारती तत्वों ने इन नंबरों पर 32 पफोन ओैर एसएमएस करके 2013 में गलत सूचनायें देकर पहले से ही काम की अध्किता से जूझ रही हैल्पलाइन का समय और ऊर्जा बर्बाद की जबकि 2014 में ऐसी 65 और 2015 में एक पफर्जी काल की। इस साल भी अभी तक तीन ऐसी काल आ चुकी हैं ।