सरकारी टीचर , चुनाव , और जनगणना
अरुण कुमार यादव (संपादक)
जिस तरह से देश शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने का भरपूर कोशिश कर रही है ठीक उसी प्रकार से देश में सरकारी टीचरो की वेतन का भरपूर उपयोग कर रही है | यहा पर इसका आशय सरकारी टीचरो को पढ़ाने के अतरिक्त उनको अन्य कार्यो में समावेशित करने से है | देश में सरकारी स्कूलों की दशा एवम शिक्षा की गुणवत्ता वैसे भी किसी से नही छुपी है ऊपर से रही सही कसर सिस्टम ले डूबता है | जिस समय सरकारी स्कूलों के अध्यापको को बच्चों के भविष्य के लिए उनके पढाई को लेकर चिंतित रहना चाहिए उस समय हमारे देश का सिस्टम उनको चुनाव , जनगणना , वोटर कार्ड बनाना आदि कार्यो में लिप्त किये रहती है |आखिर सरकार देश के नौनिहालो के भविष्य के साथ ऐसे क्यों कर रही है | चुनाव आयोग ,राज्य सरकार इस पर अमल कर ऐसे प्रावधानों को समाप्त करे जिससे अध्यपाको को बच्चों के भविष्य में पूरा समायोजन मिल सके |