सीएम ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए दिया ज्ञापन
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देहरादून पहुंचने पर जीटीसी हैलीपेड पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया। मुख्यमंत्री रावत ने प्रधानमंत्री मोदी को विमुद्रीकरण से राज्य को हो रहे नुकसान व केंद्र सरकार से विभिन्न क्षेत्रों के लिए अपेक्षित फंड के संबंध में ज्ञापन सौंपा। विमुद्रीकरण के संबंध में ज्ञापन विमुद्रीकरण से राज्य की आम जनता को हो रही परेशानी व अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे प्रभावों के संबंध में सौंपे गये ज्ञापन में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड एक छोटा पर्वतीय राज्य है तथा इसके अधिकतर क्षेत्र दूरस्थ एवं पर्वतीय है। उत्तराखण्ड राज्य एक पर्यावरणीय संवेदनशील राज्य भी है जिसकी अर्थव्यवस्था पर्यटन एवं सम्बन्धित गतिविधियों पर आधारित है। राज्य के पास बहुत कम संसाधन है। मुख्यरूप से पर्यटन एवं लघु कृषि गतिविधियां ही इसकी जीवन रेखाएं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में करेंसी नोटों की भारी कमी हो गई है जिससे राज्य के लोग बुरी तरह प्रभावित हो रहे है। बैंक शाखाओं एवं एटीएम के आगे लम्बी लम्बी कतारे लगी हुई है। करेंसी नोटों की अपर्याप्त मात्रा के कारण वृद्ध जन एवं विकलांग लोग सबसे अधिक प्रभावित है। साथ ही यह समय विवाह आदि का भी है जिसके कारण नकदी की अनुपलब्धता के कारण लोगों को विवाह समारोह सम्पन्न करवाने में परेशानी हो रही है। इसलिए राज्य में नकदी की मात्रा को पर्याप्त मात्रा में तुरन्त बढ़ाये जाने के लिए संबंधित को निर्देशित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा सहकारी बैंको को 500 व 1000 के विमुद्रीकृत नोटों को स्वीकार करने की मनाही कर दी गई है जिसके कारण जिन किसानों के पास खरीफ की फसलों के बाद नकदी थी, वह उस नकदी को अपने बैंक खातों में जमा नही करवा पा रहे है। उनमें से बहुत से किसानों के तो सहकारी बैंक के अलावा किसी अन्य बैंक में भी बैंक खाता नहीं है। इसके अलावा रबी की फसल की बुवाई का मौसम आरम्भ हो चुका है तथा किसान बीज, खाद व ऋण आदि भी सहकारी क्षेत्र से प्राप्त नहीं कर पा रहे है। इसके कारण रबी की फसल की बुवाई बुरी तरह से प्रभावित होगी। जिसके कारण कृषि का कम उत्पादन होगा तथा किसानों की आय भी बहुत कम होगी परिणामस्वरूप खाद्य मुद्रास्फिीति बहुत अधिक बढ़ जाएगी। ऐसी स्थिति में सहकारी बैंकों मेें 500 एव 1000 नोटों को जमा जाने की स्वीकृति दी जानी चाहिए। सहकारी बैंकों में नकदी की कमी से इनमें उपभोक्ताओं द्वारा आहरण प्रभावित होने से सहकारी बैंकिंग क्षेत्र चरमरा सकता है।