हमारी प्राथमिकता राज्य में स्माॅल सिटी-स्मार्ट सिटी दोनों की है: रावत
देहरादून में दो स्मार्ट सिटी की कन्सेप्ट के साथ काम किया जाएगा। एक स्मार्ट सिटी शहर के लेफ्ट विंग में भारत सरकार की योजना के तहत विकसित की जाएगी। वहीं दूसरी स्मार्ट सिटी देहरादून के राईट विंग में राज्य सरकार अपने संसाधनो से विकसित करेगी। मंगलवार देर सांय बीजापुर हाउस में स्मार्ट सिटी के संबंध में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उक्त निर्देश दिए। स्मार्ट सिटी के संबंध में सभी आवश्यक कार्यवाही समय सीमा के तहत सुनिश्चित कर ली जाए। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हमारी प्राथमिकता राज्य में स्माॅल सिटी-स्मार्ट सिटी की है। स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने के लिए भारत सरकार की प्राथमिकता सूची में देहरादून का चयन सुनिश्चित हो, इसके लिए नगर निगम के साथ बेहतर तालमेल से काम किया जाए। हम सभी की प्राथमिकता है कि देहरादून स्मार्ट सिटी बन सके। नगर निगम व एमडीडीए का स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) बनाया जाए ताकि नगर निगम को सहायक के तौर पर एमडीडीए का साथ मिल सके। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि योजना इस तरह से बनाई जाए कि देहरादून का एक भाग तो भारत सरकार की योजना के तहत स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा सके वहीं दूसरे भाग में राज्य सरकार अपने संसाधनों से स्मार्ट सिटी विकसित करे। सौंग नदी पर रिस्पना नदी की तर्ज पर रिवर फ्रन्ट व सौंदर्यीकरण का काम किया जाए। जहां-जहां वन विभाग की भूमि को विकसित किए जाने की आवश्यकता होती है, वहां वन विभाग को शामिल किया जाए। वहां फोरेस्ट पार्क विकसित किए जा सकते हैं। मुख्य सचिव अपने स्तर पर भी संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर स्मार्ट सिटी के संबंध में कार्यवाही की प्रगति की निरंतर समीक्षा करें। बैठक में बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार रणजीत रावत, मुख्य सचिव राकेश शर्मा, एमडीडीए के उपाध्यक्ष आर. मीनाक्षी सुंदरम जिलाधिकारी रविनाथ रमन, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।