हर्रावाला में अंतराष्ट्रीय सुविधाओं से युक्त रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा
हर्रावाला में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं से युक्त रेलवे स्टेशन बनाए जाने के लिए उत्तराखण्ड सरकार के प्र्रतिनिध के तौर पर एमडीडीए व भारत सरकार के किसी अनुभवी उपक्रम के जाइन्ट वेंचर या एसपीवी का गठन किया जाए। उत्तराखण्ड के लिए प्रस्तावित विभिन्न रेल लाईन परियोजनाओं पर फास्ट ट्रेक पर काम किया जाए। देहरादून के भण्डारीबाग आरयूबी का अनुमोदन शीघ्र किया जाए। बुधवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र लिखकर उत्तराखण्ड में रेलवे से संबंधित मुद्दों पर आवश्यक सहयोग किए जाने का अनुरोध किया। अपने पत्र में मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हर्रावाला प्रोजेक्ट को पीपीपी माॅडल में लिया जाना है। इससे रेलवे पर वित्तीय भार नही पडेगा। जबकि भूमि के चिन्हान्कन व अधिग्रहण की जिम्मेवारी राज्य सरकार उठाने का तैयार है। हर्रावाला से देहरादून के वर्तमान ट्रेक को राज्य सरकार मल्टी माॅडल ट्रांजिट काॅरीडोर के तौर पर विकसित कर सकती है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा है कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक व महत्वपूर्ण सामरिक स्थिति को देखते हुएऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन, टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन, काशीपुर-धामपुर रेल लाईन, सहारनपुर-विकासनगर रेल लाईन परियोजनाओं पर फास्ट ट्रेक पर काम किये जाने की आवश्कता है। मुख्यमंत्री रावत ने रेल मंत्री को बताया कि उत्तराखण्ड सरकार ने भण्डारीबाग में आरयूबी प्रस्तावित की है जिसकी स्वीकृत लागत 45 करोड़ 77 लाख रूपए है। भारत सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम ईपीआईएल को इसकी क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया है। इसका प्रस्ताव स्वीकृति हेतु रेल मंत्रालय को राज्य के लोक निर्माण विभाग के माध्यम से भेजा गया है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि बढ़ती आबादी के कारण देहरादून में रेलवे स्टेशन का क्षेत्र काफी भीड़भा़ड़ वाला हो गया है। वर्तमान में यहां केवल 4-5 प्लेटफार्म ही हैं जो कि यहां के यात्रीभार को देखते हुए बहुत कम है। चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं के लिए देहरादून रेलवे स्टेशन गेटवे की तरह है। देहरादून रेलवे स्टेशन पर बिल्डिंग व अन्य सुविधाओं की क्षमता भी बहुत कम है। हर्रावाला में सेल्फ सस्टेनेबल रेलवे स्टेशन के प्रोजेक्ट के लिए उत्तराखण्ड सरकार ने एमडीडीए को नोडल एजेंसी बनाया है।