हर स्थिति के साथ बढ़ती गयी हिम्मत : नमन भारद्वाज
एक विशेष साक्षात्कार यूथ आइकन नमन भारद्वाज से
ग्रामीण क्षेत्र के यूथ आईकन नमन भारद्वाज ने किया मेरठ का नाम रोशन
मेरठ/ देहरादून | नमन भारद्वाज का जन्म मेरठ जिला में 8 अक्टूबर 1995 में मध्यम वर्ग के परिवार में हुआ। आपकी प्राईमरी शिक्षा निजी कस्बे के एक विद्यालय से प्राम्भ हुई उसके बाद कक्षा 6 से 12 तक श्री राम विद्या मंदिर इंटर कॉलेज नागौरी, मेरठ में रही। शिक्षा के साथ साथ उनका खेल में बचपन से लगाव था। दौड़ और क्रिकेट खेल से प्रेम रहा और उसी समय से ग्रामीण क्षेत्रो में जो भी खेल की प्रतियोगिता हुआ करती थी। उसमें बढ़ चढ़ कर प्रतिभाग करता था। इस चक्कर मे कई बार शिक्षको व अभिभावकों से सुनना भी पड़ा मार भी खायी लेकिन खेल नही छोड़ा खेल में रुझन के कारण अपनी इंटर की परीक्षा में खूब मेहनत कर मेरठ कॉलेज में धाकिला लिया। जिससे कि मैं मेरठ कॉलेज से खेल में प्रतिनिधित्व कर सकू ओर नि शुल्क प्रशिक्षण ले सकू क्योकि परिवार खेल के प्रति मददगार नही था और साथ और भी कुछ व्यक्तिगत कारणों से मैंने खेल छोड़कर खेल क्षेत्र में कार्य करने की ठानी और आज उसी राह पर चल रहा हूं।
खेलो एवं युवाओं को प्रोत्साहित करने का विचार कैसे आया
नमन भारद्वाज ने बताया कि खेलो में बचपन से रुझान रहा है। खेलो में अपने स्तर से अपने प्रयासों से अपनी महेनत से जितना खेल पाया। शायद एक बहुत छोटा स्तर रहा। उनके हिसाब से क्योकि परिवार पूर्ण रूप से मददगार नही था। मजबूरन उन्हें खेल छोड़ना पड़ा। जितना स्तर तक खेला उसी स्तर से खेल के मैदान में कदम रखा और विचार किया कि ज्यादा समय व्यर्थ न करके खेलो एवं युवाओ को प्रोत्साहित करने का विचार आया और साथ ही खेल विभाग में कार्य कर खेलो को प्रोत्साहित करने का कार्य शुरू किया। विचार किया खेला नही लेकिन खिलाना सबको है जो खिलाड़ी है। खेले जरूर उसके हक उसकी मदद के लिए नमन भारद्वाज जैसे भी मददगार हो सकता थे। तैयार रहेगा और इसी मुहिम रास्ते पर चलते चलते अकेला चला था। आज उन्हें3 सच्ची महेनत एवं कार्यो से राष्ट स्तर पर अनेको प्रदेशो के साथ जुड़कर कार्य करने का अवसर मिल रहा है। नमन अपनी महेनत से कि खेलकर नही तो खेलो को प्रोत्साहित करके छोटी-मोटी पहचान बनाई जो कि आज कही न कही परिवार कस्बे व जिले का नाम रोशन कर रही है और ईश्वर और आपके सबके आशीर्बाद से आगे भी महेनत ओर सच की राह पर चलकर कार्य करता रहूंगा |
पहली बार संम्मानित होकर कैसा महसूस किया
संम्मानित होना किसी भी व्यक्ति के लिए गर्व की बात है लेकिन जब पहली बार लखनऊ उर्दू अकादमी में खेल एवं सूचना मंत्री नीलकंठ तिवारी के द्वारा राष्टीय खेल दिवस के अवसर खेल क्षेत्र में किये गए कार्यो के लिए संम्मानित होने का नमन को अवसर मिला। उसके बाद करनाल हरयाणा में बॉलीवुड एक्टर रजा मुराद द्वारा ग्लोबल आइकॉन अवार्ड से संम्मानित किया गया। जो कि नमन के जीवन मे महत्वपूर्ण क्षण रहा। जिस समय नमन के नाम के साथ कस्बे व जिला का नाम बोला जा रहा था। उस समय उसकी आँखें खुशी से नम थी लेकिन गर्व था कि अपने कार्यो एवं संघर्षों द्वारा परिवार, कस्बे व जिला का नाम रोशन हो रहा है ओर आज अपनी महेनत और संघर्षों से कई राज्य, राष्टीय व अंतराष्ट्रीय स्तर के सम्मान संम्मानित हु जो कि मेरे लिए बड़े गौरव की बात है और ऐसे सम्मानों से व्यक्ति का कार्य करने की गति और आत्मबल और भो दोगुना हो जाता है।
खेल में उपलब्धि क्या क्या रही
विद्यालय स्तर से ही खेल में प्रतिभाग किया करता था। विद्यालय स्तर पर अनेको क्रिकेट प्रतियोगताओ में प्रतिभाग किया। उसके बाद मेरठ कॉलेज मेरठ दाखिला लेकर मेरठ क्रिकेट एसोसिएशन के क्रिकेट मैदान में कोच मौहम्मद शाहिद व संजय रसतौगी के नेतृत्व में प्रशिक्षण शरू किया। प्रशिक्षण के साथ-साथ अंडर 16 व 19 में ट्रायल देकर जिले में 50 खिलाड़ियों में जगह बनायी। रणजी मैदान पर अंडर 16 व 19 के 50 सदस्यों की टीमों के मैच खेले उसके साथ साथ हमारा स्वेदशी खेल टेनिस बॉल क्रिकेट में हाथ भी आजमाए जिसमे ट्रायल में चयनित होकर लखनऊ में क्रिकेट प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। उसके बाद टेनिस बाल क्रिकेट खेल के प्रदेश की टीम से राज्य, राष्टीय व अन्तर्राष्टीय स्तर पर टीम में प्रतिनिधित्व किया। जिसमें अंतर्राष्टीय खिलाड़ी के रूप उपलब्धि मिली साथ ही क्रिकेट खेल की इनविटेशनल व कॉरपोरेट लीग में भी प्रदेशो में अपना प्रतिनिधित्व कई बार किया।
स्पोर्ट्स प्रमोशन आर्गेनाइजेशन का गठन करने का कारण एवं उद्देश्य
लगातार जैसे कि आप देख रहे है हमारे देश के युवाओ का हुनर किसी न किसी कारण से छुपता जा रहा है हालांकि ऐसा नही है बहुत युवा देश का किसी न किसी रूप में नाम रोशन कर रहे है लेकिन उसके बाद भी देश बहुत युवा पीढ़ी अपने हुनर को भूलकर गलत कार्यो में लग जाती है, आप जानते है हमारा देश युवा प्रधान देश है, यहाँ तक युवा शक्ति राष्ट शक्ति के रूप में कार्य करती है तो इसी यह शक्ति कमजोर न होने हो उसके लिए युवा का स्वस्थ रहना जरूरी है और स्वस्थ तभी रहेगा जब खेलो से जुड़ी गतिविधियों में प्रतिभाग करेगा औरर प्रतिभाग के साथ-साथ अपने खेल के हुनर को पहचाने में स्वम् सहयोगी होगा जो कि कही न कही युवा पीढ़ी को मजबूत करने में सहयोग करेगा। इसलिए इस मुहिम को देश के बाल एवं युवाओ के बीच मे लगातार जारी रखने के लिए स्पोर्ट्स प्रमोशन आर्गेनाइजेशन को गठित किया गया जो कि आज 2018 में प्रदेश सरकार सोसाइटी अधिनियम 1860 के तहत रजिस्टर्ड है और लगभग 16 प्रदेशो में अपने प्रतिनिधियो के साथ में जुड़कर कार्य कर कर रहा है। बाल एवं युवाओ को खेल एवं शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए आर्गेनाइजेशन समय समय पर खेल प्रतियोगताओ, राज्य व राष्टीय स्तरीय सम्मान समाहरोह, सेमिनार, ऑनलाइन वेबिनार कार्यक्रमो, सेल्फ-डिफेंस कैम्पो, शारारिक शिक्षा से जुड़े कार्यक्रमो एवं परीक्षाओं व अनेको प्रकार के खेल एवं युवा से जुड़े आयोजन करती रहती है और हमारी गतिविधियों का संचालन राष्ट के बाल एवं युवाओ तक जा रहा है और अनेको युवाओ को जागरूक करने में आर्गेनाइजेशन सहयोगी बन रही है जिसमे सबसे बड़ा योगदान हमारे जुड़े प्रतिनिधयों का है जो अपने-अपने क्षेत्र में महेनत लगन से कार्य कर रहे है।
वर्तमान में किस रूप में खेलो खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर रहे हो
आज के वर्तमान समय मे मैं खेल क्षेत्र में मेरठ खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त तीन खेलो का प्रतिनिधित्व जिला में कर रहा हूं जैसे टेंनिस बाल क्रिकेट में जिला सचिव, फेंसिंग खेल में जिला कोशाध्यक्ष, अत्या पत्या खेल में जिला कोशाध्यक्ष के रूप जुड़ा हु साथ ही खेल निदेशालय प्रदेश सरकार द्वारा जिला विकास एवं प्रोत्साहन समिति में सदस्य व प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर रहा हू अंत मे स्पोर्ट्स प्रमोशन आर्गेनाइजेशन में राष्टीय महासचिव व फाउंडर के रूप में जुड़कर खेलो के कार्य कर रह हूं। मैंने आई आई एम टी यूनिवर्सिटी व एस.वी.एस कॉलेज के खेल विभाग में 3 वर्ष स्पोर्ट्स ऑफीसर के रूप में कार्य किया है लेकिन आप भलीभांति जानते है अगर किसी मुहिम को राष्ट स्तर पर शुरू किया और उसके लिये हम समय नही दे पा रहे है तो वो मुहिम ज्यादा समय चल नही पाती उसी कारण मुझे नोकरी पद छोड़ना पड़ा और आज निम्न पदों पर जुड़कर खेल क्षेत्र में कार्य कर रहा हूं।
भविष्य की कार्यप्रणाली क्या रहेगी
मुझे अपनी महेनत पर पूर्ण रूप से विश्ववास है कि भविष्य में मैं और मेरे साथ कार्य शक्ति के रूप में जुड़े सभी सदस्यों के साथ मिलकर स्पोर्ट्स प्रमोशन आर्गेनाइजेशन के कार्य क्षेत्र को देश के प्रत्येक प्रदेश तक ले जाने का कार्य करेंगे और निरन्तर प्रयास करेंगे कि हम अपनी गतिविधियों एवं कार्यो का केंद्र सरकार को चिट्ठा प्रदर्शित कर सरकार से जुड़कर कार्य करने का आवेदन निरंतर करते रहेगे जो कि देश के बाल युवाओ के लिए लाभदायक सिद्ध होगा साथ ही हमे गतिविधियों का आयोजन हेतु सरकार द्वारा किसी न किसी रूप में सहयोग मिलेगा जो कि खेल क्षेत्र के प्रोत्साहन में मददगार बनने का कार्य करेगा।।