18 वर्षों में उत्तराखण्ड ने की बहुत सी मंजिलें तय : सीएम त्रिवेंद्र
देहरादून | मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में प्रदेशवासियों को उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के 18 वर्ष पूर्ण होने पर हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है। अपने संदेश में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि “उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के 18 वर्ष पूर्ण होने पर मैं सबसे पहले उन सभी ज्ञात-अज्ञात महान राज्य आंदोलनकारियों को प्रणाम करता हूं, जिनके बलिदान और साहस के बिना उत्तराखण्ड राज्य के सपने को साकार करना संभव नहीं था। मैं इस अवसर पर भारत वर्ष के महान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। जिन्होंने उत्तराखण्ड की जनता के मर्म को समझा और हमें हमारा प्यारा प्रदेश दिया।“ उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के इन 18 वर्षों में उत्तराखण्ड ने बहुत सी मंजिलें तय की है। परन्तु अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। उत्तराखण्ड देवभूमि ही नही वरन वीर भूमि भी है। हमारे वीर जवान सेना में, अर्द्धसैनिक बलों में सम्मिलित होकर देश की रक्षा में अपना सब कुछ समर्पित करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में मेरा हमेशा मानना रहा है, कि ईमानदारी और पारदर्शिता से जनसेवा की जाए। सुशासन के बल पर ही विकास के नये आयाम प्राप्त हो सकते हैं। इसके बल पर ही हम उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बना सकते हैं। हमारा राज्य संभावनाओं का प्रदेश है। विकास एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। किसी भी राज्य के सामूहिक विकास की कुंजी, सुशासन और विकास है तभी हम उत्तराखण्ड को एक आदर्श राज्य बना सकते हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड ने 18 वर्षों की सफल यात्रा पूर्ण कर ली है, इस युवा राज्य के सपनो को साकार करने में हम सबकों अपना योगदान देना होगा। स्वामी विवेकानन्द ने कहा था ‘‘उठो, जागो और तब तक रूको नहीं, जब तक लक्ष्य हासिल न हो जाये’’। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राज्यवासियों का आह्वाहन किया कि सभी लोग संकल्प लें, कि हर व्यक्ति उत्तराखण्ड प्रदेश और भारत वर्ष के समग्र विकास और समृद्धि हेतु अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देगा। यही शहीद राज्य आंदोलनकारियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। हमे मिलकर उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है।