2 कमरे के मकान में रहकर चारों भाई-बहन पढ़ाई पूरी कर बने IAS-IPS
प्रतापगढ़ के लालगंज तहसील के रहने वाले अनिल मिश्रा के चार बच्चे है |और अनिल मिश्रा की एक ही तमन्ना थी कि उनके चारों बच्चे बड़े होकर उनका नाम रोशन करें। हुआ भी यही, चारों ने देश की सर्वोच्च सेवाओं के एग्जाम को क्वालीफाई किया। चार भाई बहन में सबसे बड़े हैं योगेश मिश्रा, जो IAS हैं। इस समय कोलकाता में राष्ट्रीय तोप एवं गोला निर्माण में प्रशासनिक अधिकारी हैं। 2nd नंबर पर हैं बहन क्षमा मिश्रा, जो IPS हैं। वर्तमान में कर्नाटका में पोस्टेड हैं। 3rd नंबर पर हैं माधवी मिश्रा, जो झारखंड कैडर की IAS हैं। इस समय केंद्र के विशेष प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में तैनात हैं। 4th नंबर पर हैं लोकेश मिश्रा, जो IAS हैं। इस समय बिहार के चंपारण जिले में ट्रेनिंग कर रहे हैं। सबसे बड़े भाई योगेश ने बताया, IAS होने से पहले वो सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे और नोएडा में तैनात थे। उस समय उनकी दोनों बहनें क्षमा-माधवी दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी कर रही थीं। रक्षाबंधन के एक दिन पहले दोनों के एग्जाम का रिजल्ट आया और वो फेल हो गईं। उसके एक दिन बाद मैं राखी बंधवाने बहनों के पास गया और उनका हौसला बढ़ाया। उसी दिन ठान लिया कि सबसे पहले खुद IAS बनकर दिखाऊंगा, जिससे अपने छोटे भाई-बहनों को प्रेरणा दे सकूं। फिर तैयारी शुरू की और फर्स्ट अटेंप्ट में ही IAS बन गया। इसके बाद मैंने छोटे भाई-बहनों का मार्गदर्शन किया। माधवी बताती हैं, चारों भाई-बहनों में उम्र का फर्क बहुत अधिक नहीं है। क्षमा बताती हैं, सिर्फ 2 कमरों का मकान था, अगर कोई मेहमान आ गया तो सबसे ज्यादा दिक्कत होती थी। ऐसे में हम सबको पढ़ने में प्रॉब्लम होती थी। दूसरी बहन माधवी की पढ़ाई पूरी होने के बाद जेएनयू दिल्ली में रिसर्च करने के दौरान ही 2016 में उनका सिलेक्शन IAS में हो गया। सबसे छोटे भाई लोकेश ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कैमिकल इंजीनयरिंग करने के बाद राजस्थान के कोटा में एक फर्टिलाइजर कंपनी में नौकरी की। 2015 में PCS का एग्जाम क्वालीफाई कर BDO हुआ। लेकिन उसके बाद उन्होंने फिर सिविल सर्विस की परीक्षा दी और 2016 में वो भी IAS हो गए।