डीएवी कालेज, छात्र नेता और छात्रों का भविष्य
देहरादून डीएवी कालेज छात्रों का भविष्य कालेज प्रशासन के हाथ में नहीं के बराबर और छात्र नेताओ के हाथ में अधिक लगता है . हाल ही में छात्र नेता चुनाव के समय में छात्रों के बीच उनके भविष्य के लिए अनेक लुभावने वादे किये थे परन्तु समय परिवर्तन के साथ साथ वक्त बदलता रहा .हम बात कर रहे है डीएवी कालेज की , डीएवी छात्र संघ अध्यक्ष ने छात्रों के भविष्य के साथ ऐसा खिलवाड़ किया जिसकी उमीद छात्रों को भी नहीं थी.डीएवी में कैम्पस प्लेसमेंट के समय छात्र संघ अध्यक्ष ने दबंगई दिखा कर आईबीएम जैसी प्रतिष्ठित…
इंडिया और भारत ?
आजादी मिलने से अब तक हमारा देश भारत और इंडि़या के बीच फंसा हुआ है। देश में इंडि़या, इंडि़या बनता जा रहा है। और भारत, भारत। जी हाँ बात अमीरी और गरीबी की हो रही है। देश में जहाँ विकास हुआ है वहाँ विकास पे विकास हो रहा है परन्तु जहाँ देश विकास से महरूम है वहाँ सरकार एंव प्रशासन की कोई नजर नही हैं। जिस देश में अरबों रूपये का आई.पी.एल. होता है इसी देश में करोड़ो बी.पी.एल धारक पंजीकृत हैं जो देश को इंडि़या और भारत में विभाजित करते है। सरकार एंव प्रशासन देश से गरीबी दूर करने…
चंदन का सपना हुआ साकार
चंदन की उम्र महज 14 साल है लेकिन इस उम्र में ही उसने उस फाइटर प्लेन के कॉकपिट में बैठने का सपना पूरा कर लिया जिस तक पहुंचना भी बेहद मुश्किल होता है।चंदन का सपना है कि बड़ा होकर वह फाइटर प्लेन पायलट बने लेकिनए उसका सपना पूरा होता इससे पहले ही उसे एक ऐसी बीमारी लग गई जो लाइलाज है।असल में चंदन की उम्र महज 14 साल है और उसे बोन कैंसर है। डॉक्टरों के मुताबिक वह कुछ दिनों का ही मेहमान है। दिल्ली के एक एनजीओ को जब चंदन के सपने के बारे में पता चला तो उसने…
बेटियां बोझ नही
कामनवेल्थ खेल में जहाँ भारत पाचवे स्थान पर रहा वही इंग्लैड पहले स्थान पर रहा। इस खेल में भारत के प्रतिनिधित्व की बात करे तो भारत की तरफ से महिला खिलाडि़यों का पदक का जीतना एक शुभ संकेत है। यह वही भारत है जहाँ घरों में लड़कियों के जन्म होते ही मायूसी छा जाती है कही-कही तो जन्म होने से पहले ही उनका जीवन समाप्त कर दिया जाता है। इन मांशिकता वाले लोगों को यह पदक वीर महिला खिलाडि़यो ने एक सच्चे रास्ते पर लाने की पहल की है। इस इवेन्ट के कुशती, निशानेबाजी, मुक्केबाजी, एंव अन्य खेलों में पदक जीतकर…
दहेज उत्पीड़न एक अपराध
कानून बनता हैं जनता के मद्द के लिए। जिससे जनता अपने हक के लिए लड़ाई लड़ सकें उसे इंसाफ मिल सकें। हमारे देश में महिलाओं पर हो रहें अत्याचार रोकथाम के लिए अनेक कानूनों को लागू किया गया परन्तु इसी कानून द्वारा मद्द के साथ साथ इसका गलत इस्तेमाल होने लगा। अगर हम बात दहेज उत्पीड़न की करें तों कुछ गलत महिलायें इस कानून का ससुराल पक्ष पर गलत इस्तेमाल भी करती हैं। इसके साथ साथ बलत्कार के मामलें में भी अब कुछ गलत महिलायें इस कानून का गलत प्रयोग करकें लोगों को झूठे आरोप में फंसाती हैं…
बेरोजगारी एक समस्या
बेरोजगारी की समस्यादेश की युवाओं के लिए एक ऐसास्तम्भबनतीजारहीहैंजोटूटनेकानाम नही लेरहीहैं।देश के युवाबेरोजगारहोनेपरकिसीअन्य रास्तेपरजाने के लिए मजबूरहोरहेंहैंकहतेहैंहालातसबकुछसिखातीहैंठीकउसीप्रकार एक पढा लिखातबकाबेरोजगारी के हालातमेंकिसीगलतरास्तेकोअपनालेतेहैंजोदेश के लिए एक अभिशापजैसाहैंपहचान एक्सप्रेसपहलकरतीहैंसरकारइससमस्याकाहलनिकालेजिससेदेश के साथसाथ युवाओंकाभविष्य अन्धकारसेउजाले के ओरजायें।
अमीरों का कानून
हमारे देश का कानून आज के दौर में अमीरों के लिए सौगात के बराबर लगता हैं गरीबो के लिए औकात के बराबर लगता हैं। यह जुमला इस दौर में उचित बैठता हैं हार्इ कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के वकीलो की फीस की बात हो या निचले अदालत के वकीलों की फीस की बात। कुछ सामाजिक वकीलों द्वारा गरीबी तबके के लोगो से बिना फीस लिए केस लड़ते हैं यहां तक तथ्य तो सही हैं इसके अलावा जिनके पास केस लड़ने के लिए रूपये नही होते वह इस कानून की लड़ार्इ में पहले ही हारा हुआ महसूस करते हैं। पैसे रूपये वालो…