जब इंस्पेक्टर ने पेश की अनूठी मिसाल….
हैदराबाद | अपनी ड्यूटी के दौरान हैदराबाद में एक पुलिस इंस्पेक्टर ने कुछ ऐसा कर दिखाया, जिससे उन्होंने ना सिर्फ पुलिस विभाग की शान बढ़ाई है बल्कि इंसानियत की एक मजबूत मिसाल पेश की है। दरअसल, इस इंस्पेक्टर ने सड़क दुर्घटना में घायल हुए सात साल के एक बच्चे को बचाया और उसके इलाज के लिए अपनी जेब से पैसे भी भरे। सर्कल इंस्पेक्टर महेश एक बच्चे को अपनी पट्रोलिंग कार से निकालकर अस्पताल के अंदर ले जा रहे हैं। बाद में पता चला कि 7 साल के इस बच्चे का ऐक्सिडेंट किसी कार से हो गया था। इंस्पेक्टर महेश…
10 साल की चाँदनी और कामनी का सम्मान
देहरादून | अपने सपने संस्था द्वारा ” शान और अभिमान बेटियां ” रूपी कार्यक्रम में जहां लड़कियों को पढ़ाने के लिए लोगो को जागरूक किया गया वही आयोजित कार्यक्रम में चाँदनी और कामनी बालिकाओं को सम्मानित किया गया | विदित हो कि आज से चार साल पहले चाँदनी और कामनी पढ़ाई लिखाई से दूर थी, अपने सपने संस्था द्वारा इन बच्चियों का सरकारी स्कूल में दाखिला कराया गया | तब और अब चार साल से जहाँ यह स्कूल में पढ़ाई कर रही है वही संस्था में प्रतिदिन आ कर पठन -पाठन रूपी कार्य कर है | यही नही बालिकाएं पढ़ाई…
छोटी सी दुकान चलाने वाले की बेटी अमेरिका में बनी वैज्ञानिक
एक छोटे से घर में माता-पिता के साथ रहने वाली अनुराधा गुप्ता गोंडा के पटेल नगर इलाके में निवास है । जहा उनके पिता राम सुंदर गुप्ता छोटी सी स्टेशनरी दुकान चलाते हैं। वही माता सत्यवती गुप्ता गृहणी है। पिता राम सुंदर गुप्ता के अनुसार वह बचपन से ही वैज्ञानिक बनना चाहती थीं। कक्षा आठ तक उन्होंने मोहनलाल मेमोरियल स्कूल गोंडा स्कूल में पढ़ाई की थी | मोहनलाल मेमोरियल स्कूल की प्रबंधक उषा श्रीवास्तव के अनुसार अनुराधा बचपन से ही तेज दिमाग की लड़की थी जो अपने लक्ष्य को पाने के लिए हमेशा उत्साहित रहती थी। कक्षा 9 से 12…
महापुरुषों में से एक थे स्वामी विवेकानंद….
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी को कोलकाता के एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। विवेकानंद प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। वे अपने गुरु रामकृष्ण देव से काफी प्रभावित थे। रामकृष्ण परमहंस की मृत्यु के बाद विवेकानंद ने धर्म प्रचार के लिए भारतीय उपमहाद्वीप का दौरा किया था। उन्होंने 1893 में विश्व धर्म संसद भारत का प्रतिनिधित्व किया और यहां दिए गए भाषण की वजह से वे देश-दुनिया में प्रसिद्ध हो गए। स्वामीजी के जन्मदिन 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। समाज को उनके द्वारा दिए हुए कुछ अनमोल…
अपने सपने संस्था ने ठंड में फुटपाथ पर सो रहे जरुरतमंदो को उढ़ाये कम्बल
देहरादून। अपने सपने के वोलेंटियर्स ने देहरादून के अलग-अलग स्थानों पर सडक फुटपाथ पर सोये लोगों को कम्बल दे कर अपना नववर्ष मनाया। संस्था ने अपने क्लेमेंट टाउन स्थित कार्यलय से घंटाघर और फिर चकराता रोड़ से बल्लूपुर चैक तक 31 दिसम्बर की मध्य रात यह अभियान जारी रखा। गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी संस्था के वोलेंटियर्स ने अपना नववर्ष इसी अंदाज में मनाया था। यह कम्बल संस्था ने देहरादून के आम नागरिको से एकत्रित किये थे। इस अभियान को करने का उद्देश्य यही था की सभी लोगों को जीने का हक है एवं इस ठिठुरती सर्दी में एक भी व्यक्ति की ठंड से…
एक पैर नहीं, नेशनल बॉडी बिल्डिंग चैम्पियनशिप है मोहित
गुड़गांव | हौसला हो तो हर मुमकिन को सफलता में बदल सकते है | यह सत्य किया है सोनीपत के मोहित ने | 11 साल की उम्र में बोन कैंसर होने के कारण एक पैर गंवा दिया। इसके बावजूद सोनीपत के मोहित ने बचपन की अपनी ख्वाहिश को पूरा करने की ठानी और पहले एक पैर पर चलने की प्रैक्टिस किया और बॉडी बिल्डिंग में हिस्सा ले रहा है। पिछले एक साल में ही मोहित ने नेशनल बॉडी बिल्डिंग चैम्पियनशिप में तीन गोल्ड, दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए हैं। 11 साल की उम्र में वर्ष 2009-10…
दूसरो के लिए कैसे जीया जाता है सीखे सपना उपाध्याय से….
दूसरों के लिए कैसे जीया जाता है यह आशियाना कॉलोनी सेक्टर-एच में रहने वाली सपना उपाध्याय से बखूबी सीखा जा सकता है। सपना कैंसर से जूझ रहे गरीब परिवार के बच्चों के इलाज के दौरान खून की जरूरत पर घरवालों को इधर-उधर न भटकना पड़े, इसके लिए हर महीने रक्तदान शिविर भी लगवाती है | सपना के पति बिजनेसमैन हैं और बेटी एमिटी यूनिवर्सिटी में पढ़ रही है। उन्हें दूसरों की मदद का खयाल 16 साल पहले आया, जब बेटी को अचानक एक दिन बुखार आ गया। तब वह लखनऊ विवि के बॉटनी विभाग में माइक्रोबायोलॉजी में रिसर्च कर रही…
कुली से सुपरस्टार तक रजनीकांत, जानिए खबर
आज साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत का जन्मदिन है। उनका जन्मदिन उनके प्रशंसक के लिए किसी त्यौहार से कम नहीं है। रजनीकांत एक ऐसे अभिनेता हैं जो उम्र के इस पड़ाव पर आने के बाद भी फिल्मों में काफी ऐक्टिव हैं। वह असल में जिस तरह दिखते हैं, स्क्रीन पर उसके बिल्कुल उलट नजर आते हैं। यही नहीं, साउथ में तो फैन्स उनकी पूजा तक करते हैं।रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर 1950 को बेंगलुरु में हुआ था। उनके माता-पिता ने उनका नाम शिवाजी राव गायकवाड़ रखा था लेकिन फिल्मों में वह रजनीकांत के नाम से ही हिट हुए। मां की मौत…
जज्बा हो तो सब मुमकिन है, जानिये खबर
दादाबाड़ी | अब वह समय नहीं रहा जब महिलाएं घर की दहलीज तक सीमित थी वर्तमान समय में अब घर से बाहर निकलकर महिलाये जाॅब और बिजनेस तक कर रही है। अब महिलाओं का जज्बा इतना है कि वो अपने हौसलों और हिम्मत से घर-परिवार और महिलाओं की संबल बनी हुई हैं। ऐसी महिलाओं ने अपने जीवन में चुनौतियां स्वीकारी और स्वयं के अलावा अपने समूहों से जुड़ी महिलाओं को भी आर्थिक मजबूती प्रदान कर मुकाम हासिल किया। महिला अधिकारिता विभाग की ओर से गवर्नमेंट म्यूजियम के पास ग्रामीण हाट में लगाई एग्जीबिशन में ऐसी ही महिलाओं की कामयाबी देखने…
मां नहीं बन सकी पर 51 बेसहारा बच्चों की है माँ
मुजफ्फरनगर | जीना इसी का नाम है हर पल किसी शब्द को लेकर अचम्भित रहने वाले एक दंपती की कहानी कुछ ऐसी है जी हां ऐसा ही कुछ हुआ मुजफ्फरनगर के एक दंपती के साथ। शामली के कुदाना गांव की मीना राणा की शादी 1981 में बाघपत के वीरेंद्र राणा से हुई थी। शादी के 10 साल बाद भी उनको कोई संतान नहीं हुई। बाद में पता चला कि मीणा कभी मां नहीं बन सकतीं। किसान पति-पत्नी को जब कोई संतान नहीं हुई तो उन्होंने 1990 में एक दिव्यांग बच्चे को गोद लेने का फैसला किया। लगभग तीन दशक के…