हीलियम से चलने वाले दुनिया के सबसे बड़े विमान ने भरी उड़ान
लंदन। हीलियम से चलने वाले दुनिया के सबसे बड़े विमान एयरलैंडर 10 ने अपनी पहली उड़ान भरी। इससे पहले 1930 को एक एयरशिप ने उड़ान भरी थी, जो कि फ्रांस में क्रैश हो गया था। इस हादसे में 48 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद एयरशिप का डेवलपमेंट बंद कर दिया गया था। हालांकि 85 साल बाद एक बार फिर एयरलैंडर ने सेंट्रल इंग्लैंड के कार्डिंगटन एयरफील्ड से उड़ान भरी है। एयरलैंडर को एयरशिप भी कहा जाता है। एयरलैंडर को यूएस आर्मी के लिए निगरानी के लिए बनाया गया है। इस बनाने वाले हाइब्रिड एयर व्हीकल्स ने एयरलैंडर…
जान बची करोडो पाये,जानिये क्या है खबर..
दुबई। एमीरेट्स विमान हादसे में बाल-बाल बचने वाले एक भारतीय वृद्ध को ऊपर वाले ने खुशनसीबी छप्पर फाड़ के दी है। 62 वर्षीय इस भारतीय की ना सिर्फ जान बची है बल्कि हादसे के छह दिन बाद ही उसकी दस लाख अमेरिकी डॉलर करीब 6.66 करोड़ रुपये की लाटरी भी लगी है। यह असाधारण उपलब्धि केरल के मोहम्मद बशीर अब्दुल खादर को मिली है जो पिछले समय को दुबई एयरपोर्ट पर एमीरेट्स के विमान ईके 521 में सवार थे। फिलहाल दुबई में प्रवास कर रहे इस भारतीय को विगत मंगलवार को दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ही दुबई ड्यूटी फ्री मिलेनियम…
इस लड़की ने भारतीयों का सिर किया ऊँचा
10 साल की भारतीय मूल की बच्ची ने देश का नाम रोशन किया है। इस लड़की का नाम रिया है जो टीवी क्वीज कंपीटीशन ‘चाइल्ड जीनियस 2016’ में सबसे मेधावी बच्चे का खिताब जीता है। विदित हो की रिया लंदन में अपने परिवार के साथ रहती है। प्रतियोगिता के अंत में रिया ने ‘एलीमोसिनरी’ शब्द का सही जवाब दिया और खिताब अपने नाम कर लिया। सही जवाब ‘एलीमोसिनरी’ शब्द का परोपकार से जुड़ा होता है।
पाकिस्तानी मॉडल कंदील बलोच के भाई ने हत्या करना कबूला
नई दिल्ली। पाकिस्तानी सोशल मीडिया की चर्चित हस्ती कंदील बलोच की हत्या के मामले में उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है। 26 वर्षीय मॉडल की उसके छोटे भाई ने कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी थी। कंदील के छोटे भाई वसीम को देर रात डेरा गाजी खान से गिरफ्तार किया गया। बाद में वसीम ने प्रेस वार्ता में अपनी बहन को नशीली दवा देने के बाद उसकी गला घोंटकर हत्या करने की बात कबूल भी की।
पैर में लाठी बांधकर एक किसान जोतता है खेत, जानिये किसान की इमोशनल कहानी
झांंसी | झांंसी यहां एक किसान के पैर में लाठी बांधकर खेत जोतने की मार्मिक तस्वीर सामने आई है। 41 साल से कमर में लाठी बंधकर चल रहे इस किसान की मई, 2015 को अखिलेश यादव ने मदद की थी। आर्टिफिशियल पैर लगवाया गया था, लेकिन किसान ने ये नकली पैर हटाकर रख दिया। किसान देवराज का कहना है, सरकार ने मेरी मदद करके नकली पैर लगवाया था। लेकिन उस पैर के साथ मैं अच्छा महसूस नहीं कर रहा था। उसके साथ चलने में बहुत परेशानी होती थी। 41 साल से कमर में लाठी बांधकर खेत जोत रहा था। लेकिन आर्टिफिशियल…
कैप्टेन की माँ, देश के लिए शहीद हुए अपने पुत्र के स्मारक की खुद कर रही सफाई
कैप्टेन सुनील चौधरी की माँ, देश के लिए शहीद हुए अपने पुत्र के 36वें जन्मदिवस पर उसके स्मारक की खुद सफाई कर रही हैं |दुर्भाग्य की बात हैं जिसने इस देश की रक्षा के खातिर अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया आज ये हालात हैं कि उस देश कि सरकारे इन शहीदों के स्मारकों को सिर्फ एक पत्थर समझती है | देश के राजनेताओ द्वारा लम्बी लम्बी भाषण सुनाने के आदि यह नेता इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दिए है | पहचान एक्सप्रेस पर इस भारत माता को सेल्यूट जो अपने बेटे के स्मारक का ये हाल ना…
गांव में नहीं थी बस की सुविधा तो खुद ही थाम लिया स्टेयरिंग
जब कोई भी यदि अच्छी जिद्द ठान ले तो वह पूर्ण जरूर होता है ऐसा ही काम किया है एक गाँव की बेटी प्रियंका ने | गांव के अड्डे पर बस न रुकना प्रियंका को इतना नागवार गुजरा कि उसने खुद ही चालक बनने की ठान ली। विदित हो की इसके बाद तो चरखी दादरी डिपो के ट्रेनिंग सेंटर में उसने दाखिला भी ले लिया। तकरीबन डेढ़ माह की ट्रेनिंग के बाद मेहनत रंग लाई तो अधिकारी भी उसके लगन और कुशलता के कायल हो गए। इतना ही नहीं उसे ट्रेनिंग के दौरान सर्वोच्च चालक के खिताब से भी नवाजा…
फुटपाथ पर रहने वाले बच्चे निकालते हैं अखबार, चार राज्यों में इनका है नेटवर्क
यह खबर आप को चौका देगी लेकिन यह सत्य है साथ ही साथ आप कभी नहीं सुना होगा की बच्चे अपना खुद का अखबार भी चलाते हों? मगर ऐसा दिल्ली में कुछ बच्चे खुद रिपोर्टिंग कर अपना खुद का अखबार चलाते हैं. दिल्ली क गौतम नगर में कुछ बच्चे अपना खुद का अखबार ‘बालकनामा’ नामक नाम से चलाते है| विदित हो की यह अखबार पूरी तरह बच्चों के लिए ही है | इसकी शुरुआत सन 2003 में हुई थी | इससे आश्चर्य की बात यह है की इस अखबार की रिपोर्टर कोई खास बच्चे नहीं, बल्कि सड़कों पर काम करने…
हजब्बा संतरे बेच बेच कर गरीब बच्चों के लिए किया स्कूल का निर्माण
कर्नाटक में मेंगलोर के रहने वाले हरेकला हजब्बा यूं तो कहने के लिए अनपढ़ हैं, लेकिन समाज में ज्ञान का प्रकाश फैला रहे हैं। डेक्कन क्रॉनिकल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 30 साल से संतरे बेचकर अपना गुजारा चलाने वाले हजब्बा ने पाई-पाई जोड़कर अपने गांव में गरीब बच्चों के लिए एक स्कूल का निर्माण करा दिया है। यही नहीं, अब वह एक कॉलेज बनाने का सपना पूरा करना चाहते हैं।कर्नाटक में मेंगलोर के रहने वाले हरेकला हजब्बा यूं तो कहने के लिए अनपढ़ हैं, लेकिन समाज में ज्ञान का प्रकाश फैला रहे हैं। डेक्कन क्रॉनिकल में छपी रिपोर्ट…
काश रानू द्विवेदी गरीबी के साथ साथ आरक्षण जाति के अंतर्गत आती …. .
कानपुर में एक छोटा सा रेलवे स्टेशन है उसके बाहर एक झोपडी में छोटा सा ढाबा है जहा रिक्शेवाले , कुली , ऑटो ड्राईवर यही लोग उसके ग्राहक है | मै बचपन से वहा जाती थी खेलने , ढाबे में मेरे बराबर की एक ” रानू द्विवेदी ” लड़की भी रहती थी उससे मेरी दोस्ती हो गयी हम दोनों रोज स्टेशन की सीढियों ओर प्लेटफ़ॉर्म पर खेलते थे | साथ साथ खेलते खेलते हम दोनों आपस में पढाई के बारे में भी बात करते थे , वो मुझ से एक क्लास आगे थी और किसी छोटे से स्कूल में पढ़ती…