देहरादून : हरेला पर्व के अवसर पर संगठन द्वारा बालक एवं बालिकाओं के साथ किया गया वृक्षारोपण
देहरादून | आज मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन द्वारा तिलक रोड स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय हकीकत राय मन्नू गंज डांडीपुर में हरेला पर्व के शुभ अवसर पर संगठन द्वारा शिक्षा ग्रहण कर रहे बालक एवं बालिकाओं के साथ वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया इस अवसर पर संगठन की प्रदेश अध्यक्ष मधु जैन ने कहा कि प्रकृति पूजा का पर्व है हरेला प्रकृति का संतुलन बनाए रखना का पर्व हरेला मानव और पर्यावरण के अंतरसंबंधों का अनूठा पर्व है। वनों से हमें अनेक प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभ मिलते हैं। अनेक प्रकार की जड़ी-बूटियां मिलती हैं। जिनका प्रयोग औषधियां बनाने में किया जाता है। भारत में लगभग 35 लाख लोग वनों पर आधारित उद्योगों में कार्य कर आजीविका चलाते हैं। हरेला पर्व पर फलदार व कृषि उपयोगी पौधा रोपण की परंपरा है। हरेला केवल अच्छी फसल उत्पादन ही नहीं, बल्कि ऋतुओं के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है। श्रावण मास भगवान भोलेशंकर का प्रिय मास है, इसलिए हरेले के इस पर्व को कहीं-कहीं हर-काली के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि श्रावण मास शंकर भगवान जी को विशेष प्रिय है। उत्तराखंड के पहाड़ों पर ही भगवान शंकर का वास माना जाता है। इसलिए भी उत्तराखंड में श्रावण मास में पड़ने वाले हरेला का अधिक महत्व है। इस दिन कुमाऊँनी भाषा में गीत गाते हुए छोटों को आशीर्वाद दिया जाता है –
जी रये, जागि रये, तिष्टिये, पनपिये,
दुब जस हरी जड़ हो, ब्यर जस फइये,
हिमाल में ह्यूं छन तक,
गंग ज्यू में पांणि छन तक,
यो दिन और यो मास भेटनैं रये,
अगासाक चार उकाव, धरती चार चकाव है जये, स्याव कस बुद्धि हो, स्यू जस पराण हो। इस अवसर पर राजकुमार तिवारी अमित अरोड़ा एसपी सिंह गीता वर्मा प्रमोद दत्त स्कूल प्रधानाध्यापिका मधु सिंह शिक्षिका शांति उनियाल भोजन माता एवं अन्य लोग मौजूद रहे।