पानीपुरी बेचने वाले युवक ने खड़ी की अपनी कम्पनी, अब है लखपति
हैदराबाद |जब हौसले हो तो कोई सी भी कठिन से कठिन लक्ष्य आसान हो जाता है | एडम्स रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखी कविता ‘वीर’ की एक पंक्ति है, “मानव जब जोर लगाता है पत्थर पानी बन जाता है।” इसका अर्थ है कि मनुष्य यदि चाहे तो लाख चुनौतियों का सामना करते हुए भी जीवन में कामयाबी को हासिल कर सकता है। क्योंकि हमारी मेहनत ही हमें बुलंदियों तक पहुंचाती है। इसका ताजा उदाहरण पेश किए हैं शिवम सिसोदिया ने, जिन्होंने कभी सड़कों पर पानीपुरी बेचने से शुरुआत किया था और आज अपने परिश्रम के बदौलत एक कंपनी के मालिक बन गए हैं। फर्श से अर्श तक तक सफर तय करनेवाले शिवम सिसोदिया आज कई लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं | शिवम सिसोदिया हैदराबाद के रहनेवाले हैं। इनके जीवन में एक समय ऐसा था जब वे सड़कों पर पानीपुरी बेचने का काम करते थे। लेकिन कहते हैं न, समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता है वह बदलता जरुर है। शिवम की कहानी भी ऐसी ही है, पानीपुरी बेचने वाला यह शख्स आज इलेक्ट्रिक वाहन रेंटल कंपनी का मालिक बन चुका है। नीट राउरकेला से पढ़ाई करनेवाले शिवम ने वर्ष 2017 में हैदराबाद के सड़कों पर पानीपुरी बेचने का काम करते थे। सामान्यतः अधिकांश लोग कुछ कामों को कम आंकते हैं या उसे छोटा समझते हैं, लेकिन शिवम ने कभी किसी काम कम नहीं आंका। वे हमेशा कुछ अलग और नया करना चाहते थे। इसी सोच के साथ उन्होंने पानीपुरी में भी अलग-अलग प्रयोग किया। रिपोर्ट के अनुसार वह कहते हैं कि, आमतौर पर लोग पानीपुरी में छोले डालकर बेचते थे, लेकिन उन्होंने भीड़ से अलग चलने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने पानीपुरी में छोले न डालकर आलू डालना शुरु किया, जिससे उसका स्वाद बढ़ने के साथ ही वह लोगों को भी काफी पसंद आया। इसके साथ ही उन्होंने पानीपुरी में डाला जानेवाला पानी के स्वाद पर भी ध्यान दिया और उसे भी स्वादिष्ट बनाने की कोशिश की। पानीपुरी के अलग और बेहतरीन टेस्ट की वजह से धीरे-धीरे लोगों को उनके हाथ से बने गोलगप्पे पसंद आने लगा और उनका यह काम भी अच्छे से चलने लगा। इसी क्रम में एक बार उन्हें मैरिज हॉल में भी पानीपुरी का स्टॉल लगाने का अवसर मिला। हालांकि, पूर्व नीट छात्र शिवम अपनी शिक्षा का इस्तेमाल बेहतर तरीके से करना चाहते थे। उन्हें कुछ ऐसा करने की चाहत थी, जिससे लोगों को समस्याओं का निपटारा किया जा सके। ऐसे में उन्होंने अमेजन में प्रोडक्ट मैनेजर और व्यापार विश्लेषक के तौर पर काम करने का अनुभव हासिल किया। उसी दौरान उन्होंने परिवहन क्षेत्र का विस्तार होते देखा और उसी में अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया। वर्ष 2020 में उन्होंने हैदराबाद में “बिजलीराइड” नाम से खुद की इलेक्ट्रिक वाहन रेंटल कम्पनी स्थापित किया। वैसे तो बिजनेस करना हर किसी के बस की नहीं है, लेकिन यदि सही सूझ-बुझ और रणनीति से उसे शुरु किया जाएं तो बेहतर मुनाफा कमाया जा सकता है। शिवम को उनकी कम्पनी के माध्यम से लाखों रुपये की आमदनी हो रही है। हालांकि, किसी भी व्यवसाय को शुरु करना आसान काम नहीं है। शिवम को भी इस बिजनेस को शुरु करने के रास्तें में कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार न मानकर आगे बढ़ने का फैसला किया।भविष्य में शिवम चाहते हैं कि 400 से 500 ईवी सड़कों पर उतारे, जिससे उनके ग्राहकों को किराए पर वाहन लेने में किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना ना करना पड़े। वर्तमान में उनकी कम्पनी में 15 लोग कार्यरत हैं।