पिता मजदूर, बेटे का डीआरडीओ में हुआ चयन, जानिए खबर
पंसकुरा | एक गरीब परिवार का लड़का अपने परिवार के सपने पूरे करने से सिर्फ एक कदम दूर है | ये कहानी उस छात्र की है, जिसके सिर पर पक्का मकान तक नहीं है लेकिन उसने धीरे-धीरे अपने सभी सपनों को पूरा किया और अब वह अपने बचपन का सपना पूरा करने जा रहा है | लेकिन मुकाम को जानने से पहले उसके घर की हालत को समझिए जो एक तिरपाल की छतरी वाली झोपड़ी में रहता है | उसके पिता पेशे से राजमिस्त्री हैं लेकिन लंबे समय से बीमार हैं | नतीजतन, परिवार चलाने की जिम्मेदारी मां के पास है |
मां बीड़ी बांधने का काम करती हैं लेकिन गरीबी और संसाधनों के अभाव को उसने आगे नहीं आने दिया | अब इस परिवार के बेटे को रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) से फोन आया है | गरीब परिवार के इस प्रतिभावान छात्र की सफलता से उसके रिश्तेदार, पड़ोसी और क्षेत्रवासी बेहद खुश हैं | इस छात्र ने बचपन से ही देश की रक्षा में शामिल होने का सपना देखा था | ये कहानी है पंसकुरा के सुदीप मैती की, जिसे देश के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानि डीआरडीओ में मौका मिला है | सुदीप ने गांव के चक दुर्गा प्राइमरी स्कूल में अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की है लेकिन सुदीप बचपन से ही बहुत प्रतिभाशाली था | साइंस में पूर्वाचिल्का लालचंद हाई स्कूल से हायर सेकेंडरी में उन्होंने 71 प्रतिशत अंकों के साथ परीक्षा पास की | इसके बाद उन्होंने पॉलिटेक्निक कॉलेज, सियालदह से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा पूरा किया | फिर उन्होंने कोलकाता के एक निजी कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई की | वर्तमान में वो आईआईटी गुवाहाटी में एमटेक की पढ़ाई पूरी कर रहे हैं | सुदीप ने कहा कि डीआरडीओ पहुंचने का सपना खुद को समर्पित करना था | ” मैं देश की रक्षा के काम से जुड़ने वाला हूं और अपने इस लक्ष्य को हासिल करके बेहद खुश हूं ‘ सुदीप की ये सफलता हर उस गरीब छात्र की सफलता है, जो अपने संघर्षों से लड़कर सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत कर रहा है |