राजाजी राष्ट्रीय पार्क को राजाजी टाइगर रिजर्व घोषत किया गया
वन विश्राम भवन चीला में राजाजी राष्ट्रीय पार्क को आज मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राजाजी टाइगर रिजर्व घोषत करते हुए उसका लोगो जारी किया। उन्होंने कहा कि वन एवं वन्य जीव हमारी राष्ट्रीय सम्पदा है इसलिए इसका संरक्षण पर्यावरण के संतुलन के लिए अनिवार्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य जीवों के असन्तुलन से हमारे पारिस्थितक तंत्र पर सबसे बुरा प्रभाव पड़ेगा एवं इससे सर्वाधिक पीडि़त मानव ही होगा। इसलिए वन एवं वन्य जीव की रक्षा करना हम सब का उत्तरदायित्व है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को वन्य जीवों एवं प्रकृति के संरक्षण के रूप में ही नहीं अपितु ऐसे राज्य के रूप में जाना जाना चाहिए कि इसके संरक्षण से पर्यटन एवं आर्थिक संसाधनों को भी बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि फोरेस्ट विभाग एवं आम जन को ईको फ्रैंन्डली होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजाजी टाइगर रिजर्व में रिजोर्ट की जगह ईको टूरिज्म ग्राम विकसित किए जाए, इस कार्य हेतु स्थानीय लोगों का सहयोग अति आवश्यक है। 175 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला राजाजी टाइगर रिजर्व उत्तराखण्ड राज्य का दूसरा तथा भारत का 48वाॅ टाइगर रिजर्व है। राज्य बनने के बाद पहला टाइगर रिजर्व हैं। मोतीचूर, धौलखण्ड, व चिलावाली क्षेत्र में मध्य प्रदेश से टाइगर लाकर छोड़ने की योजना है। राजाजी टाइगर क्षेत्र के चारों ओर आबादी है इसलिए इसके संरक्षण के लिए आधुनिक तकनीक से ई सर्विलांस से माॅनिटरिंग की जायेगी। इस टाइगर रिजर्व का मुख्य उद्वेश्य टाइगर को सुरक्षित रखना एवं उनकी संख्या में वृद्धि करना है। कर्नाटक के बाद उत्तराखण्ड दूसरा राज्य है जहां टाइगरों की संख्या सर्वाधिक है। इस अवसर पर विधायक प्रदीप बत्रा, पूर्व विधायक अमरीश कुमार ,स्वामी कैलाशानन्द, प्रमुख वन संरक्षक वृजेन्द्र सिंह, प्रमुख वन सचिव रणवीर सिंह एवं वन गुर्जर आदि शामिल थे।