Breaking News:

ऊर्जा कप : सचिवालय ने एमडीडीए को हराया -

Thursday, February 13, 2025

बड़ी खबर : जरूरत हुई तो यूसीसी क्लॉज पर विचार करेगी सरकारः सुबोध उनियाल -

Thursday, February 13, 2025

यूसीसी को लेकर आया नया अपडेट, जानिए खबर -

Wednesday, February 12, 2025

उत्तराखंड : देवभूमि के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद का निधन -

Wednesday, February 12, 2025

मीडिया से लगातार संवाद बनाएं रखें सूचना अधिकारीः महानिदेशक सूचना -

Wednesday, February 12, 2025

खिलाड़ी सरिता : साइकिल खरीदने के लिए पैसे नहीं, लेकिन जज्बा पदकों से भरा हुआ -

Wednesday, February 12, 2025

ऊर्जा कप : बेसिक एजुकेशन ने एमडीडीए को 26 रनों से हराया -

Wednesday, February 12, 2025

ऊर्जा कप : सीएमओ, जल संस्थान और रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने जीते अपने अपने मैच -

Monday, February 10, 2025

दिन में काम, रात में पढ़ाई, समोसे बेचने वाला बनेगा डॉक्टर -

Monday, February 10, 2025

सिंचाई विभाग उत्तराखंड की तीसरी अंतर विभागीय बैडमिंटन प्रतियोगिता का हुआ भव्य समापन -

Monday, February 10, 2025

चैंपियन-उमेश कुमार विवाद में राकेश टिकैत की एंट्री, जानिए खबर -

Saturday, February 1, 2025

केएचएफ संस्था बच्चों को कॉपी पेन देकर किया सम्मानित -

Saturday, February 1, 2025

पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी के हाथों ‘साईं सृजन पटल’ के छठे अंक का हुआ विमोचन -

Saturday, February 1, 2025

देहरादून साइक्लिंग क्लब छात्रों में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य जागरूकता के प्रति कर रहा सहयोग -

Saturday, February 1, 2025

लेखक विनय निरंजन के उपन्यास ‘नछत्तर’ का हुआ लोकार्पण -

Monday, January 27, 2025

आयुष्मान कार्डों का सत्यापन : आधार कार्ड और राशन कार्ड मांगने के लिए अस्पतालों को एडवाइजरी जारी -

Monday, January 6, 2025

सीएम धामी ने पीएम मोदी को राष्ट्रीय खेलों के लिए कियाआमंत्रित -

Monday, January 6, 2025

फेक सूचनाओं से बचे : थिंक बिफोर यू शेयर के साथ-साथ थिंक बिफोर यू केयर जरूरीः डॉ नितिन उपाध्याय -

Monday, January 6, 2025

भक्ति भाव के साथ सारा सुभाष नगर प्रभु भक्ति भजनों के साथ हुआ गुंजायमान -

Monday, January 6, 2025

दुःखद : वाहन खाई में गिरने से दो लोगों की मौत -

Sunday, December 29, 2024



‘साईं सृजन पटल’ का शुभारंभ

सृजनशीलता और नवाचार की नई पहल

देहरादून(अंकित तिवारी) | सृजनशीलता और लेखन का क्षेत्र हमेशा से समाज के विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। देहरादून के आर.के.पुरम में ‘साईं सृजन पटल’ के उद्घाटन के साथ ही साहित्यिक और सृजनशील गतिविधियों को नया प्रोत्साहन मिला है। इस सृजन पटल की स्थापना पूर्व प्राचार्य डा.के.एल. तलवाड़ द्वारा की गई है, जो कि उत्तराखंड के साहित्यिक जगत में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। इस पटल का उद्घाटन प्रसिद्ध साहित्यकार और पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक डा. सविता मोहन द्वारा किया गया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि लेखन और सृजन में वातावरण की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। स्वस्थ और प्रेरणादायक वातावरण से सकारात्मक विचार स्वतः ही लेखनी में प्रकट होते हैं। उनका मानना है कि ऐसे प्रयास न केवल साहित्यिक अभिरुचियों को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि युवाओं को भी सृजनात्मकता के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करते हैं। डा. तलवाड़, जिन्होंने कर्णप्रयाग पीजी कालेज से सेवानिवृत्त होने के बाद इस पहल की शुरुआत की, अपने शैक्षिक जीवन में भी नवाचार और सृजनशीलता को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते रहे हैं। उनकी यह पहल एक सृजनशील मंच के रूप में उभरने की पूरी क्षमता रखती है, जहां युवा समाचार लेखन, प्रेस फोटोग्राफी, रिपोर्टिंग, फीचर लेखन और अभिलेखों के रखरखाव जैसी महत्वपूर्ण विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। विशिष्ट अतिथि डा. जानकी पंवार, जो कि कोटद्वार पीजी कालेज से सेवानिवृत्त प्राचार्य हैं, ने भी इस पहल की सराहना की और डा. तलवाड़ के इस प्रयास को लेखन कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए एक सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सृजन पटल के माध्यम से युवाओं को न केवल लेखन के तकनीकी पहलुओं की जानकारी मिलेगी, बल्कि उन्हें अपने विचारों को प्रभावी ढंग से व्यक्त करने का मंच भी मिलेगा।इस पटल के माध्यम से मेधावी विद्यार्थियों को स्व. साईं दास तलवाड़ छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी, जो कि उनके सृजनात्मक और शैक्षिक विकास में सहायक सिद्ध होगी। इस अवसर पर इन्साइडी क्रिएटिव मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के सी.ई.ओ. अक्षत और निदेशक नीलम तलवाड़ सहित ज्योति, आकांक्षा, आश्रय,रजत, शिवम,विमल, अनुष्का, स्नेहा,अक्षय, जितेंद्र व हेमंत हुरला अन्य स्टाफ मेंबर्स की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और भी विशेष बना दिया। ‘साईं सृजन पटल’ की स्थापना साहित्य और सृजनशीलता के क्षेत्र में एक नई दिशा की ओर संकेत करती है। इस पहल से न केवल साहित्य प्रेमियों को एक नया मंच मिलेगा, बल्कि भविष्य में यह पटल नए साहित्यिक और सृजनशील प्रतिभाओं के उभरने का माध्यम भी बनेगा। समाज के सृजनशील और शिक्षित वर्ग के लिए यह एक प्रेरणा स्रोत साबित हो सकता है, जिससे आने वाली पीढ़ियां सृजनशीलता के महत्व को समझते हुए आगे बढ़ सकेंगी।

Leave A Comment