अब गाडि़यों से उतरेगा नेताओं का अहंकार…
तरुण विजय की जनहित याचिका पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला
देहरादून/नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसले में सांसद तरुण विजय की याचिका पर राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि व्यक्तिगत एवं शासन द्वारा अनाधिकृति सभी वाहनों से नाम हटाने एवं हूटर निकलने की कार्यवाही निर्भीकता पूर्वक करे। उच्च न्यायालय की पीठ में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के एम जोसफ और न्यायमूर्ति वी के बिष्ट थे। उनके फैसले में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा विधि द्वारा घोषित ‘उच्च विशिष्ट व्यक्तियों के अलावा शेष सभी व्यक्तियों के वाहनों पर नाम एवं हूटर अवैध घोषित किये गएं हैं। सांसद तरुण विजय ने इस फैसले का अभिनन्दन करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय ने सामान्य जन की भावनाओं का आदर किया और तथाकथित बड़े लोगों द्वारा अपनी गाडि़यों के आगे अहंकार का प्रदर्शन करने वाली नाम तथा हूटर हटाने का आदेश देकर लोकतंत्र की मर्यादा की रक्षा की है। आखिर जो अपने पद का प्रदर्शन गाडि़यों के आगे नाम लगाकर करते हैं, वे जनता और पुलिस को क्या बताना चाहते हैं? की बड़े लोग आ रहे हैं इसलिए रास्ता छोड़ दो और पुलिस उनके द्वारा नियम उल्लंघन पर कोई कार्यवाही न करे? सांसद तरुण विजय की जनहित याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता सुभाष विरमानी ने तैयार की तथा उनकी ओर से नीरज गर्ग न्यायालय में उपस्थित हुए, जबकि राज्य सरकार की और से प्रदेश महाअधिवक्ता यू.एम. उनियाल उपस्थित हुए।