आगामी विस सत्र में पेश हो पंचायतीराज एक्ट: किशोर
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं पंचायतीराज मंत्री प्रीतम सिंह को पत्र लिखकर आगामी विधानसभा सत्र में उत्तराखण्ड राज्य का पंचायती राज एक्ट प्रस्तुत करने, केन्द्र सरकार द्वारा जिला पंचायत एवं क्षेत्र पंचायतों के बजट में की गई कटौती की भरपाई के लिए बजट में प्रावधान किये जाने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि मद में पंचायतों को पुनः केन्द्र सरकार से धनराशि दिलवाने के लिए राज्य सरकार के स्तर पर मजबूत पैरवी किये जाने, केन्द्र सरकार द्वारा मनरेगा मद में की गई कटौती को वापस लिये जाने की मांग तथा पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देकर उनकी क्षमता विकास के उपाय करवाये जाने के सुझाव दिये हैं। उपाध्याय ने अपने पत्र में कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा १४वे वित्त आयेाग की धनराशि में जिला पंचायत एवं क्षेत्र पंचायत के बजट में शत-प्रतिशत कटौती के कारण उत्तराखण्ड में वर्तमान समय में तीनों स्तर की पंचायतों में कई प्रकार की असमंजस एवं आक्रोश पनप रहा है। पंचायतों पर कई मामलों में भले ही केन्द्र सरकार के दिशा निर्देश लागू होते हों लेकिन राज्य सरकार की भी पंचायतों के प्रति सीधे तौर पर जवाबदेही है। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के बाद पहली कांग्रेस की निर्वाचित सरकार के कार्यकाल में पंचायतों के आर्थिक सुदृढ़ीकरण की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पंचायत प्रतिनिधियों केा मानदेय, जिला पंचायत अध्यक्षों को राज्य मंत्री का दर्जा, क्षेत्र विकास निधि का गठन तथा राज्य वित्त की मद से क्षेत्र पंचायतों को धन दिये जाने सम्बन्धी अनेक फैसले लेकर उनको विधिवत रूप से लागू भी किया गया। 2007 से 2012 तक भाजपा सरकार के कार्यकाल में पंचायत प्रतिनिधियों एवं राज्य सरकार के बीच संवादहीनता की स्थिति रही, लेकिन वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पंचायतों के आर्थिक सुदृढीकरण की दिशा में पहल करते हुए विद्युत उत्पादन हेतु लघु जल विद्युत परियोजना एवं सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन का अधिकार पंचायतों को देने के साथ-साथ सीमान्त पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के माध्यम से अतिरिक्त बजट भी उपलब्ध कराने का काम किया गया। इसके लिए कांग्रेस पार्टी सरकार की सराहना करती है।