आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन को सात साल कैद , जानिए खबर
देहरादून। आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन को 13 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति मामले में विशेष न्यायाधीश सीबीआइ सुजाता सिंह की अदालत ने सात साल कैद और साढ़े तीन करोड़ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने सुमन की लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये मूल्य की देहरादून, बिहार, झारखंड व गाजियाबाद में बनाई गई बेनामी संपत्तियों को भी भारत सरकार से अटैच कर दिया है। आयकर आयुक्त की मुश्किलें यहीं खत्म होने वाली नहीं हैं, अभी उसके खिलाफ रिश्वतखोरी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और आयकर की विभागीय फाइल चोरी करने के मामले में चार केस विभिन्न अदालतों में लंबित हैं। विशेष लोक अभियोजक सीबीआइ सतीश कुमार ने अदालत को बताया कि देहरादून में वर्ष 2001 से 2005 के मध्य संयुक्त आयुक्त आयकर के पद पर तैनात रहे श्वेताभ सुमन पर स्पेशल क्राइम ब्रांच, नई दिल्ली ने दो अगस्त 2015 को आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया। यह मुकदमा एक गोपनीय शिकायत पर दर्ज हुआ, जिसके दो दिन बाद ही सीबीआइ की विभिन्न टीमों ने श्वेताभ सुमन के देश भर में 14 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। छापे में सुमन की अकूत संपत्तियों का पर्दाफाश हुआ। ये संपत्ति देहरादून, बोधगया (बिहार), जमशेदपुर, गाजियाबाद में बनाई गई थीं। सीबीआइ ने इन संपत्तियों की गहनता से पड़ताल की तो श्वेताभ की काली करतूतों का एक-एक भंडाफोड़ होता गया। पता चला कि श्वेताभ ने ये संपत्तियां अपने करीबियों के साथ-साथ मां गुलाब देवी, जीजा अरुण कुमार सिंह के नाम से बनाई थी। गाजियाबाद के सेक्टर 62 के पंचवटी अपार्टमेंट में आलीशान फ्लैट साढ़े दस लाख रुपये में खरीदा, जिसका भुगतान श्वेताभ ने हवाला के जरिये किया था। लंबी चली विवेचना में दस्तावेजों से यह साबित हुआ कि श्वेताभ अपनी आय से 337 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित की है। अदालत में सीबीआइ ने 347 गवाह बनाए थे, जिसमें से 255 के बयान हुए। वहीं, बचाव पक्ष की ओर से कुल आठ गवाह पेश किए। अदालत की ओर से दोषी करार दिए जाने के बाद श्वेताभ ने बीमारी और नौकरी का ख्याल करते हुए सजा सुनाने की गुजारिश की। भोजनावकाश के बाद अदालत ने सजा का ऐलान किया, जिसमें श्वेताभ सुमन को सात साल कठोर कारावास और तीन करोड़ पचास लाख सत्तर हजार चार सौ चैदह रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर 18 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। वहीं, श्वेताभ की मां गुलाब देवी को एक साल की सजा सुनाई गई है। श्वेताभ के जीजा अरुण कुमार सिंह व करीबी राजेंद्र विक्रम सिंह को चार साल कैद, बीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना न देने पर दोनों को चार माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।