इनसे सीखे : 10 रुपये में काम करने वाले नरेश आज खड़ी की करोड़ो का साम्राज्य
पंजाब | मनुष्य यदि हौसलें को अपना पंख बना ले तो लाख विपत्तियों का सामना करते हुये जीवन में कामयाबी हासिल कर सकता है। सफलता कभी भी सरलता से प्राप्त नहीं होती है। उसे हासिल करने के लिये पूरे तन, मन से कठिन परिश्रम करना पड़ता है। यह बात शत प्रतिशत सही है कि परिश्रम करने वालों की कभी हार नहीं होती है। नरेश गोयल नाम के एक शख्स ने उपर्युक्त बातों को सही साबित किया है। एक समय था जब वह 10 रुपये के लिये कार्य करते थे लेकिन अपनी मेहनत से इन्होंने आज करोड़ों का बिजनेस खड़ा कर लिया है। नरेश गोयल का जन्म पंजाब के संगरुर में हुआ था। नरेश के पिता ज्वेलरी के व्यापारी थे। नरेश जब 11 वर्ष के थे तब उनके पिता का देहांत हो गया। पूरा घर कर्ज में डूब गया था। सब कुछ बिक चुका था। यहां तक कि रहने के लिए घर भी नहीं बचा था। घर की नीलामी हो जाने के बाद वह अपने ननिहाल में रहने लगे। उसके बाद नरेश ने मां से कुछ पैसे उधार मांगे और जेट एयरवेज लिमिटेड की शुरुआत हुई। आरंभ के दिनों में कंपनी ने कुछ विदेशी एयरलाइन कम्पनियों के मार्केटिंग और सेल्स के काम का जिम्मेदारी लिया। उसके बाद फिलिपिंस एयरलाइन ने उन्हें पूरा इंडिया रीजन का मैनेजर बना दिया। वर्ष 1991 के बाद जेट एयरवेज के लिए रास्ते खुलने आरंभ हो गए। भारत सरकार ने जब ‘ओपन स्की पॉलिसी’ को हरी झंडी दिया और नरेश गोयल ने मौके को भाप लिया। उन्होंने डोमेस्टिक ऑपरेशन के लिए 5 मई 1993 को जेट एयरवेज की शुरुआत हुईं। उसके बाद कंपनी लगातार अपने कार्य को आगे बढ़ाती रही। एक समय में कंपनी अपने शिखर पर थी, तब नरेश गोयल 20 सबसे अमीर लोगों में से एक हुआ करते थे।