उत्तराखंड : अप्रैल माह तक हर गांव को बिजली
देहरादून | मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य के विद्युत से वंचित परिवारों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए आज इस योजना का शुभारम्भ किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली पहुंचने का मतलब सिर्फ रोशनी नहीं है। आज के आधुनिक युग में जब देश डिजिटल हो रहा है। इंसान तकनीक पर निर्भर होता जा रहा है। हमारे सभी उपकरण बिजली पर ही निर्भर हैं, ऐसे में गरीब घरों में प्रकाश पहुंचाने की पहल बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण योजना से उन सभी परिवारों के जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन आएगा, जो परिवार अब तक बिजली से वंचित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक साल में ऐसे 46 गांवों को बिजली पहुंचाई गई है, जहां अभी तक बिजली नहीं थी। अभी राज्य में 26 गांव ऐसे हैं जहां बिजली पहुंचाना बाकी है। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह तक हर गांव तक बिजली पहुंचा दी जाएगी। वही केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर के सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर को बिजली के सपने को साकार करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। शुरुआत में 18452 गांव बिजली से वंचित थे। आज मात्र 861 गांव बिजली से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह तक इन सभी गांवों का विद्युतीकरण कर दिया जाएगा। केन्द्रीय राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि 1 अप्रैल 2019 से पूर्व 4 करोड़ घरों में बिजली पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक लगभग 32 लाख विद्युत वंचित घरों में बिजली पहुँचा दी गई है।
केन्द्रीय मंत्री ने उत्तराखण्ड की भूरि-भूरि प्रशंसा की
केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और उत्तराखण्ड सरकार की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य हित की परियोजनाओं की केन्द्र सरकार में लगातार प्रभावी पैरवी करते हैं। हर कार्य को फाॅलो करते हैं। ऐसे में राज्य सरकार का कोई काम केन्द्र स्तर पर नहीं रूक सकता। उत्तराखण्ड में बिजली विभाग के कार्य की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली की उपलब्धता बढ़ी है। राज्य मे बिजली के क्षेत्र में जो सुधार पिछले एक वर्ष में हुआ है, वह अन्य राज्यों में नहीं दिखता है। ऊर्जा विभाग ने अपना घाटा दूर किया है।