उत्तराखंड : मुख्य सचिव का शहरों को भी खुले में शौच से मुक्त करने के निर्देश
देहरादून | मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की राज्य स्तरीय समिति की अध्यक्षता करते हुए 31 मार्च 2018 तक शहरों को भी ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) करने के निर्देश दिए। बताया गया कि 14 नगर निकायों को भारत सरकार द्वारा ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। अन्य 8 निकायों के दावे भारत सरकार को भेजे गए हैं। 25 निकायों के दामों का परीक्षण किया जा रहा है।
बैठक में बताया गया कि 742 वार्डों में से 534 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा इकट्ठा का कार्य शुरू हो गया है। शेष वार्डों में दिसम्बर 2017 तक कूड़ा इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार के अनुरोध पर भारत सरकार ने व्यक्तिगत शौचालय की धनराशि 4000 रूपये से 10,800 रूपये कर दिये हैं। इसके अलावा हंस फाउंडेशन द्वारा 5000 व्यक्तिगत और 300 सीट सार्वजनिक शौचालय बनाये जायेंगे। भेल हरिद्वार द्वारा सीएसआर से 276 सीट के 15 सार्वजनिक शौचालय बना दिए गए हैं। बैठक में बताया गया कि 27640 व्यक्तिगत घरेलू शौचालय बनाने के लक्ष्य के सापेक्ष 5853 शौचालय बना दिए गए हैं, और 8610 शौचालयों का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके अलावा 2000 सीट के सार्वजनिक शौचालय के सापेक्ष 267 का निर्माण हो गया है, 35 का निर्माण कार्य चल रहा है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में बताया गया कि राज्य ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लान बना लिया है। 13 नगरों में अपशिष्ट से कंपोस्ट बनाने का कार्य शुरु कर दिया गया है। देहरादून व हरिद्वार में कंपोस्ट बनाने का कार्य प्रगति पर है, हल्द्वानी एवं रुड़की क्लस्टर में कार्यवाही चल रही है बैठक में सचिव शहरी विकास नीतेश झा, एडीजी राम सिंह मीना, सचिव पेयजल अरविंद सिन्हा, अपर सचिव विनोद सुमन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।