उत्तराखंड में फिल्म सिटी जल्द ही
सचिवालय में मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार रणजीत रावत की अध्यक्षता में प्रस्तावित उत्तराखण्ड फिल्म नीति के संबंध मे चर्चा की गई। श्री रावत ने कहा कि फिल्मों के माध्यम से प्रदेश में पर्यटन, सांस्कृतिक विरासत एवं पुरातात्विक धरोहरों के महत्व को बढ़ावा देने के लिए राज्य की फिल्म नीति का होना जरूरी है। इस नीति को शीघ्र ही अंतिम रूप देकर मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जायेगा। श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इसे सूक्ष्म लद्यु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) की नीति के साथ जोड़ा जाय, ताकि इससे अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध होने के साथ ही आर्थिक श्रोत विकसित हो सकें। प्रदेश के नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य का देश व दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने में भी इससे मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस फिल्म नीति के संबंध में एक सप्ताह के अन्दर एक बार सभी संबंधित विभागों की संयुक्त रूप से महानिदेशक सूचना की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की जाय। उसके बाद शासन स्तर पर आयोजित बैठक में प्रस्तावित प्राविधानों को अंतिम रूप देते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित फिल्म नीति के तहत फिल्म विकास परिषद का भी गठन किया जायेगा, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे तथा राज्य की क्षेत्रीय भाषाएं, हिन्दी फिल्मों से जुड़े फिल्मकार व विषय विशेषज्ञो की इसमें सदस्य नामित किया जायेगा। बैठक में सचिव सूचना मो. शाहिद, महानिदेशक सूचना विनोद शर्मा, अपर सचिव अक्षत गुप्ता, निदेशक संस्कृति सुश्री बीना भट्ट, अपर निदेशक पर्यटन ए.के.द्विवेदी, अपर निदेशक सूचना डाॅ. अनिल चन्दोला, संयुक्त निदेशक राजेश कुमार, सहायक निदेशक एम.पी.कैलखुरी, नितिन उपाध्याय, उत्तराखण्ड फिल्म एवं टी.वी. प्रोग्राम प्रोडयूसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव पैन्यूली व दीपक नागलिया आदि उपस्थित थे।