उत्तराखण्ड इन्वेस्टर समिट : विभिन्न देशों के राजदूतों व उच्चायुक्तों से सीएम त्रिवेंद्र ने की भेंट
उत्तराखण्ड में निवेश की सम्भावनाओं के सम्बंध में आयोजित किये जा रहे ’’उत्तराखण्ड इन्वेस्टर समिट’’ कार्यक्रम के तहत नई दिल्ली स्थित ली मेरीडियन होटल में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने कैबिनेट सहयोगियों एवं उच्चाधिकारियों के साथ विभिन्न देशों के राजदूतों व उच्चायुक्तों से भेंट की। इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत, मदन कौशिक, सतपाल महाराज, डॉ.हरक सिंह रावत, राज्यमंत्री डॉ.धन सिंह रावत व रेखा आर्या, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह आदि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राज्य में निवेश की सम्भावनाओं के संबंध में राजदूतों का ध्यान आकर्षित किया। इस सम्बंध में प्रमुख सचिव मनीषा पंवार ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य की उपलब्धियों व सम्भावनाओं को रेखांकित किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में निवेश का अनुकूल माहौल है। उद्यमियों व निवेशकों के लिये उत्तराखण्ड सरकार द्वारा कारगर नीति निर्धारण के साथ ही अपनत्व एवं मित्रता का माहौल तैयार किया गया है। उद्यमियों के साथ चलने के लिये हम तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली से देहरादून की 35 मिनट की हवाई यात्रा है। रेल, सड़क, यातायात की बेहतर सुविधा है। उद्योगों के लिये दोस्ताना माहौल है। पर्याप्त बिजली व पानी, दक्ष मानव संसाधन, शिक्षा व तकनीकि शिक्षा की दृष्टि से समृद्ध है। राज्य में निवेश के इच्छुक उद्यमियों को स्वस्थ औद्योगिक वातावरण, शान्त व मेहनती श्रमिक माहौल चाहिए, जो हमारे पास है। मजबूत राजनैतिक इच्छाशक्ति, दृढ़इच्छा शक्ति तथा सकारात्मक व सहयोगात्मक वातावरण मौजूद है। किसी भी उद्यम को स्वीकृति के लिये 15 दिन की समय सीमा निर्धारित है। उन्होंने 07-08 अक्टूबर को सभी को देहरादून में आमंत्रित किया है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने अपने सम्बोधन में राज्य में निवेश के लिये अनुकूल माहौल की बात की। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश की सम्भावनाएं है। उत्तराखण्ड शिक्षा का हब है, गुणवत्तायुक्त शिक्षा राज्य की पहचान है। आईटी, फार्मा, हर्बल, आयुष के क्षेत्र में भी उन्होंने निवेश का माहौल बताया। राज्य का शांत एवं मानवीय गुणों से युक्त दक्ष मानव संसाधन राज्य की पहचान है। उन्होंने राज्य में निवेश के लिये निवेशकों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम में भारत में 45 देशों के राजदूतां व उच्चयुक्तों ने प्रतिभाग किया। जिनमें अंगोला, इरीट्रिया, इथोपिया, गैबोन, घाना, लोसेथो, नाबिया, नाईजीरिया, रवांडा, सेशेल्स, जिम्बाबवे, माली, दक्षिणी सूडान, ब्रूनेई दारूसलाम, सिंगापुर, तुर्कमेनिस्तान, बेलारूस, रूस, माल्टा, आईलेण्ड, मेसेडोनिया, स्लोवाक, स्लोवेनिया, चेक गणराज्य, जापान, पापुआ न्यू गिनी, ओमान, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात, अरब देशों के मिशन लीग, इजराईल, एल स्लावाडोर, गुयाना, पेरू, त्रिनिदाद एवं टोबेगो, वेनेजुएला अफगानिस्तान, भूटान, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका, फ्राँस, बेल्जियम, जर्मनी के राजदूत व उच्चायुक्त शामिल थे।